हिमाचल में 1836 कैंसर मरीज, मंडी औऱ शिमला में सबसे ज्यादा तादाद
शिमला, 22 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2024 तक कैंसर मरीजों की संख्या 1836 थी। जबकि वर्ष 2023 में यह संख्या 2363 और वर्ष 2022 में 2428 थी। प्रदेश में मंडी और शिमला जिलों में कैंसर मरीजों की तादाद अन्य जिलों की तुलना में अधिक है। यह जानकारी
हिमाचल में 1836 कैंसर मरीज, मंडी औऱ शिमला में सबसे ज्यादा तादाद


शिमला, 22 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2024 तक कैंसर मरीजों की संख्या 1836 थी। जबकि वर्ष 2023 में यह संख्या 2363 और वर्ष 2022 में 2428 थी। प्रदेश में मंडी और शिमला जिलों में कैंसर मरीजों की तादाद अन्य जिलों की तुलना में अधिक है।

यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान राकेश कालिया और कुलदीप सिंह राठौर के संयुक्त सवाल के जवाब में दी। उन्होंने कहा कि नॉर्थ-ईस्ट के बाद हिमाचल प्रदेश देश में कैंसर रोगियों की संख्या के मामले में दूसरे स्थान पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि आईजीएमसी शिमला में जल्द ही पैट स्कैन मशीन की सुविधा शुरू की जाएगी। इसके बाद टांडा मेडिकल कॉलेज में भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। आने वाले समय में नेरचौक, हमीरपुर और अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी पैट स्कैन और आधुनिक तकनीक उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अलावा हमीरपुर में कैंसर इंस्टीट्यूट खोलने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

सुक्खू ने कहा कि कैंसर पीड़ित मरीजों को मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद दी जा रही है। उन्होंने बताया कि ऊना के एक कैंसर पीड़ित बच्चे को भी सरकार सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमेटी गठित की गई है, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे के कदम उठाए जा रहे हैं। कैंसर रोगियों के इलाज के लिए लीनियर एक्सेलेरेटर और पैट स्कैन जैसी आधुनिक सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि कीटनाशकों और यूरिया का अत्यधिक उपयोग कैंसर रोग बढ़ने का एक बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया जा रहा है। फलों और सब्जियों पर छिड़काव के लिए आने वाली दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए बागवानी मंत्री को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।

विधानसभा में अनुपूरक सवाल के दौरान विधायक कुलदीप राठौर ने कहा कि मंडी और शिमला जिलों में कैंसर के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य कारण सेब और सब्जियों में कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग है। राठौर ने बताया कि बाजार में गैर-मानक और बिना ब्रांड की दवाएं बेची जा रही हैं, जिन पर कोई नियंत्रण नहीं है।

विधायक राठौर ने सरकार से मांग की कि ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग समय-समय पर छापेमारी करे। उन्होंने कहा कि लोगों को प्राकृतिक खेती की ओर प्रोत्साहित करना बेहद जरूरी है ताकि भविष्य में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को रोका जा सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा