सिरसा: बच्चों को कुपोषण से बचाव के लिए एल्बेंडाजोल की खुराक देना जरूरी: सीएमओ
-राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को लेकर अधिकारियों के साथ की बैठक सिरसा, 22 अगस्त (हि.स.)। सिविल सर्जन डा. एमके भादू ने कहा कि बच्चों को कुपोषण से बचाने तथा उन्हें स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करने के लिए सभी विभाग आपसी तालमेल के साथ राष्ट्रीय कृमि मु
अधिकारियों के साथ बैठक करते सीएमओ डा. एमके भादू।


-राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को लेकर अधिकारियों के साथ की बैठक

सिरसा, 22 अगस्त (हि.स.)। सिविल सर्जन डा. एमके भादू ने कहा कि बच्चों को कुपोषण से बचाने तथा उन्हें स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करने के लिए सभी विभाग आपसी तालमेल के साथ राष्ट्रीय कृमि मुक्त दिवस कार्यक्रम में पूर्ण सहयोग करें। कार्यक्रम के माध्यम से 26 अगस्त को विशेष अभियान के तहत एक साल से 19 वर्ष के बच्चों को पेट के कीड़े मारने के लिए एल्बेंडाजोल की गोली दी जाएगी। इसके अलावा एल्बेंडाजोल की गोली से वंचित रहे बच्चों को दो सितंबर को यह गोली दी जाएगी। इस अभियान को सफल बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से सभी विभागों को आपसी तालमेल के साथ कार्य करना होगा ताकि शत प्रतिशत बच्चों को दवा दी जा सके। सिविल सर्जन शुक्रवार को कृमि मुक्ति दिवस के तहत स्थानीय लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

सिविल सर्जन ने कहा कि विशेष अभियान के तहत सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में इस अभियान को सफल बनाने की रुपरेखा तैयार करें। यह भी सुनिश्चित करें कि इस दिन स्कूलों में बच्चों की हाजिरी अधिक से अधिक हो। जिला के सभी सरकारी स्कूल, गैर सरकारी स्कूल, आईटीआई, सरकारी महाविद्यालय, निजी महाविद्यालयों व सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में यह गोली मुफ्त दी जाएगी। उप सिविल सर्जन डॉ. राजेश चौधरी ने बताया कि एल्बेंडाजोल की गोली स्वास्थ्य और पोषण में सुधार, रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि, एनीमिया में नियंत्रण, समुदाय में कृमि संक्रमण की व्यापकता में कमी, सीखने की क्षमता और व्यस्क होने पर काम करने की क्षमता में बढ़ोतरी में कारगर है। उप सिविल सर्जन डॉ. संदीप सिंह ने बताया कि यदि दस्त लगना, पेट में दर्द होना, कमजोर होना, उल्टी लगना और भूख ना लगना, पढ़ाई में मन ना लगना व खून की कमी होना आदि कुपोषण के लक्षण है। उन्होंने बताया कि पेट के कीड़े मारने की एल्बेंडाजोल गोली की मात्रा एक से दो साल के बच्चों के लिए आधी गोली चम्मच में पीसकर दी जानी है। दो से तीन साल के बच्चों को पूरी गोली चम्मच में पीसकर दी जानी है व तीन साल से 24 साल तक के बच्चों व महिलाओं को पूरी गोली चबाकर खिलाने की हिदायत दी गई हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma