Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
जम्मू, 2 अगस्त (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) जम्मू कश्मीर ने शनिवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें जम्मू-कश्मीर में शिक्षा से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं पर प्रकाश डाला गया, जिन पर तत्काल ध्यान देने और समाधान की आवश्यकता है। ज्ञापन में शिक्षा की गुणवत्ता और क्षेत्र के समग्र विकास को प्रभावित करने वाली कई चिंताओं को रेखांकित किया गया है। अभाविप जम्मू कश्मीर के राज्य सचिव सन्नक श्रीवत्स ने कहा कि संगठन जम्मू-कश्मीर में शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। हमने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कई ज्वलंत शैक्षिक मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है जिन पर तत्काल ध्यान देने और समाधान की आवश्यकता है। ज्ञापन में उठाए गए प्रमुख मुद्दों में कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय में अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा शामिल है, जो बुनियादी सुविधाओं से वंचित है और इसके शैक्षणिक और संस्थागत विकास में बाधा डालता है। अभाविप ने आवश्यक बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए एक व्यवहार्य और समयबद्ध समाधान की माँग की है। इसके अतिरिक्त, एनआईटी श्रीनगर में स्थायी निदेशक की अनुपस्थिति से प्रशासनिक अस्थिरता पैदा हुई है, और अभाविप केंद्रीय शिक्षा मंत्री से स्थायी निदेशक की नियुक्ति के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह करती है।
अन्य चिंताओं में शारीरिक शिक्षा पाठ्यक्रमों के लिए एनसीटीई अनुमोदन संबंधी मुद्दे, पहाड़ी क्षेत्रों में एक क्लस्टर-आधारित विश्वविद्यालय की आवश्यकता, जम्मू और कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय में बुनियादी ढाँचे का विकास, संकाय की कमी, सीमावर्ती जिलों में आवासीय विद्यालयों की कमी और केंद्रीय विद्यालयों के लिए बुनियादी ढाँचे का उन्नयन शामिल हैं। इसी बीच अभाविप ने उदयपुर के पैसिफिक डेंटल कॉलेज में नामांकित डोडा के एक बीडीएस छात्र की दुखद आत्महत्या मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जाँच की माँग भी की है। उन्होंने कहा कि जाँच में मूल कारणों की पहचान की जानी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए। इसके अतिरिक्त, अभाविप अधिकारियों से छात्रवृत्तियों का समय पर वितरण सुनिश्चित करने का आग्रह करती है। प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना, छात्रों को बिना किसी अनावश्यक तनाव या कठिनाई के अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करती है। ये उपाय जम्मू-कश्मीर के छात्रों के लिए एक अधिक सहायक और सुरक्षित शैक्षिक वातावरण बनाने में मदद करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में तिलक ठाकुर (राज्य संगठन सचिव), अकील अहमद तांत्रे और जीनत मीर (एनईसी सदस्य) और अजायज (जिला संयोजक, श्रीनगर) उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा