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चंडीगढ़, 18 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा सरकार ने लिपिक वर्ग के कर्मचारियों के हित में बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने वर्ष 2023 की हड़ताल अवधि को अब अर्जित अवकाश (लीव ऑफ द काइंड ड्यू) मानने का निर्णय लिया है। इस फैसले के बाद न केवल उस अवधि का वेतन सुरक्षित रहेगा, बल्कि सेवा रिकॉर्ड पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा।
सरकार ने तय किया है कि हड़ताल अवधि को अर्जित अवकाश माना जाएगा। इस अवधि का वेतन नहीं कटेगा। सेवा में ब्रेक इन सर्विस नहीं माना जाएगा और पहले अर्जित/संचित अवकाश से समायोजन होगा। जरूरत पड़ने पर अग्रिम अर्जित अवकाश स्वीकृत किया जा सकेगा। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि यह छूट केवल एक बार की विशेष व्यवस्था है।
इसे भविष्य में मिसाल के तौर पर नहीं लिया जाएगा। ये प्रावधान केवल उन्हीं लिपिकों पर लागू होंगे, जिन्होंने उस विशेष हड़ताल में भाग लिया था। सरकार के इस फैसले को कर्मचारी वर्ग में राहत और भरोसे का संकेत माना जा रहा है। लंबे समय से वेतन और सेवा प्रभावित होने की चिंता कर रहे कर्मचारियों को अब बड़ी राहत मिली है। सरकार ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों, उपायुक्तों और खजाना अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि एसएएस कैडर से सत्यापन के उपरांत वेतन जारी किया जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा