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नई दिल्ली, 18 अगस्त (हि.स.)। चर्चित फिल्म निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अपनी आगामी फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ के ट्रेलर को पश्चिम बंगाल में न रिलीज करने देने को लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया। नई दिल्ली में सोमवार को फिल्म के बारे में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में विवेक अग्निहोत्री, अभिनेत्री व निर्माता पल्लवी जोशी और निर्माता अभिषेक अग्रवाल भी मौजूद रहे।
कार्यक्रम में विवेक अग्निहोत्री ने सवाल पूछा कि क्या भारत में दो संविधान चलते हैं। एक देश का और दूसरा किसी पार्टी का? क्या हिंदुओं को अभिव्यक्ति का अधिकार नहीं है? उन्होंने कहा कि यह फिल्म पांच साल के शोध के बाद बनी है और इसके ट्रेलर को 16 अगस्त को 'डायरेक्ट एक्शन डे' के मौके पर लॉन्च किया जाना था, लेकिन पश्चिम बंगाल में इसकी अनुमति नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि जब फिल्म का ट्रेलर पूरे देश और विदेशों में रिलीज हो सकता है, तो पश्चिम बंगाल में इसे क्यों रोका गया? अमेरिका में फिल्म को बेहद सराहना मिली है, यहां तक कि कैपिटल हिल में भी इसे दिखाया गया है।
उन्होंने कहा कि 'द बंगाल फाइल्स' उनकी लोकतंत्र पर आधारित ट्रायोलॉजी की तीसरी फिल्म है। उन्होंने कहा कि साल 2012 में उन्होंने सोचा था कि सत्यजीत रे और मणिरत्नम जैसे फिल्मकारों की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए लोकतंत्र के तीन स्तंभों पर फिल्म बनाई जाए। पहले स्तंभ ‘सच बोलने का अधिकार’ पर 'द ताशकंद फाइल्स', दूसरे ‘न्याय के अधिकार’ पर 'द कश्मीर फाइल्स' और अब तीसरे स्तंभ ‘जीने के अधिकार’ पर 'द बंगाल फाइल्स' बनाई है।
पल्लवी जोशी ने भी पश्चिम बंगाल में पुलिस द्वारा ट्रेलर लॉन्च रोकने की आलोचना की और इसे अन्याय बताया। उन्होंने कहा कि कोलकाता पुलिस की इस कार्रवाई से सभी लोग आहत हैं, इसलिए वह स्वयं इस पत्रकार वार्ता में आई हैं।
उल्लेखनीय है कि यह फिल्म 5 सितंबर को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म की कहानी 1946 के डायरेक्ट एक्शन डे और भारत-पाक विभाजन के दौरान हुए दंगों पर आधारित बताई जा रही है। फिल्म में अनुपम खेर महात्मा गांधी की भूमिका में हैं, जबकि मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी और शाश्वत चटर्जी अहम भूमिकाओं में नजर आएंगे।
अग्निहोत्री ने बताया कि यह फिल्म 18,000 पन्नों की रिसर्च का निचोड़ है।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी