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विदिशा, 18 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में असामयिक हुई वर्षा उपरांत रासायनिक दवाइयों के प्रयोग से क्षतिग्रस्त हुई खरीफ फसलों की शिकायतें केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के संज्ञान में आने पर उन्होंने गत दिवस क्षेत्र के भ्रमण के दौरान खेतों में पहुंचकर क्षतिग्रस्त फसलों का जायजा लिया था और पीडित किसानों का ढांढस बंधाते हुए कहा कि फसलों की तबाही होने पर नकली दवा कंपनियों पर सख्त कार्यवाही होगी और उन्होंने केन्द्रीय वैज्ञानिक दलों को खेतों में भेजकर क्षतिग्रस्त होने के कारणो का आंकलन कराने से आश्वस्त कराया था।
केन्द्रीय मंत्री चौहान के निर्देशों के अनुपालन में सोमवार को केन्द्रीय व राज्य स्तरीय कृषि वैज्ञानिक सात सदस्यीय दलों ने छीरखेडा एवं सेमरा में भ्रमण कर पीडित कृषकों के खेतो में पहुंचकर फसलों की क्षति का आंकलन किया। इस अवसर पर विधायक मुकेश टण्डन ने वैज्ञानिकों से कहा कि वे हरेक पीड़ित कृषक के खेत में जरूर पहुंचे और बाजिव वस्तुस्थिति अपनी रिपोर्ट में उल्लेख करें।
विधायक टण्डन ने ग्राम छीरखेडा में पीड़ित कृषक भगवान सिंह और उधम सिंह के खेत में कृषि वैज्ञानिकों को साथ में लेजाकर सोयाबीन की फसल में हुई क्षति का जायजा लिया और रासायनिक दवाइयों के प्रभाव से फसल में हुई क्षति तथा असरविहिन दवाओं के विक्रय से पीडित किसानों को राहत दिलाए जाने के बात कही। वैज्ञानिक दलों में अटारी आईसीएआर जोन 9 जबलपुर के डायरेक्टर डॉ. एसआरके सिंह, डीडब्ल्यूआर जबलपुर के डायरेक्टर डॉ. जेएस मिश्रा, रायसेन के कृषि वैज्ञानिक डॉ. स्वप्निल दुबे, इन्दौर के कृषि वैज्ञानिक डॉ. अरूण शुक्ला तथा एनआईएसआर इन्दौर के डॉ. संजीव कुमार, आईआईएसएस भोपाल के डॉ. प्रभात त्रिपाठी एवं आईआईएसएस भोपाल के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. बीपी मीना शामिल है।
कृषि वैज्ञानिक दलों के साथ किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक केएस खपडिया समेत विभागीय अन्य अधिकारी तथा खण्ड स्तरीय अधिकारी साथ-साथ मौजूद रहें वहीं पीड़ित कृषकबंधु ने अपनी समस्याओं को साझा किया।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर