संघ का कार्यकर्ता आदर्श और आचरण में एक जैसा : मोहन भागवत
नई दिल्ली, 18 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने सोमवार को दिल्ली प्रांत के पूर्व संघचालक रमेश प्रकाश के जीवन पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि संघ का कार्यकर्ता आदर्श और आचरण में एक जैसा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने सोमवार को सुरुचि प्रकाश की पुस्तक ‘तन समर्पित, मन समर्पित’ का विमोचन किया।


नई दिल्ली, 18 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने सोमवार को दिल्ली प्रांत के पूर्व संघचालक रमेश प्रकाश के जीवन पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि संघ का कार्यकर्ता आदर्श और आचरण में एक जैसा होता है। रमेश प्रकाश इसका उदाहरण थे।

सुरुचि प्रकाश की यह पुस्तक ‘तन समर्पित, मन समर्पित’ दिल्ली प्रांत के पूर्व संघचालक रमेश प्रकाश के जीवन पर आधारित है। दिल्ली के एनडीएमसी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और इंडिया टुडे की उपाध्यक्ष कली पुरी भी उपस्थित रहे। साथ ही स्वर्गीय रमेश प्रकाश की पत्नी आशा शर्मा भी इस दौरान मंच पर उपस्थित रहीं।

सरसंघचालक ने विमोचन के बाद उपस्थितजन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ज्ञान से लोगों के मन में परिवर्तन नहीं आता है। मन में परिवर्तन आदर्श आचरण प्रस्तुत करने से आता है। उन्हें गर्व है कि रमेश प्रकाश जैसे हजारों स्वयंसेवकों ने पिछले 100 सालों से समाजकार्य में यह करके दिखाया है।

डॉ. भागवत ने कहा कि आदर्श के मार्ग पर चलना कठिन होता है। आमजन आदर्श पुरुषों की पूजा-अर्चना करता है लेकिन उनके बताये मार्ग पर चलना नहीं चाहता। ऐसे में आमजन को स्वयं से ऊपर उठकर समाज कार्य करने के लिए हाथ पकड़कर चलाने वाला कोई चाहिए। रमेश प्रकाशजी ने सारा जीवन यही कार्य किया है।

इस अवसर पर सरसंघचालक ने संघ कार्य में महिलाओं की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए संघ के समानांतर ही राष्ट्रीय सेविका समिति कार्य करती है। संघ कार्य के विभिन्न आयामों में महिलाओं की भूमिका लगातार बढ़ रही है। संघ की अखिल भारतीय बैठकों में उनकी उपस्थिति रहती है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान की सराहना की और इस बात पर ज़ोर दिया कि कैसे उनके मूल्य समाज की सेवा में पीढ़ियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे।

वहीं कली पुरी ने इस पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि यह राष्ट्र निर्माण में व्यक्तिगत त्याग के महत्व की समयोचित याद दिलाती है और पंच परिवर्तन के विचार के महत्व पर भी प्रकाश डालती है। यह पुस्तक रमेश प्रकाश जी की अथक यात्रा को दर्शाती है, जिनका जीवन निःस्वार्थ सेवा, सामाजिक कल्याण और राष्ट्रीय उत्थान के लिए समर्पित था।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा