Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
रुद्रप्रयाग, 18 अगस्त (हि.स.)। रांसी-गौंडार-मद्महेश्वर पैदल मार्ग गौंडार गांव के समीप भूस्खलन से क्षतिग्रस्त होने से द्वितीय केदार मद्महेश्वर की यात्रा दूसरी दिन भी ठप रही। इस दौरान मद्महेश्वर से लौट रहे 6 यात्रियों को जंगल के रास्ते रेस्क्यू कर सुरक्षित गौंडार पहुंचाया गया है। प्रशासन ने यात्रियों ने अनावश्यक जोखिम नहीं लेने की अपील है। दूसरी तरफ पैदल मार्ग बंद होने से द्वितीय केदार में राशन, सब्जी और अन्य जरूरी वस्तुओं की सप्लाई भी नहीं हो रही है।
ग्राम पंचायत गौंडार के ग्राम प्रधान सहित द्वितीय केदार के हक-हकूकधारी लोगों ने प्रशासन व लोनिवि से मार्ग को दुरुस्त करने की मांग की है। रविवार तड़के हुई भारी बारिश व भूस्खलन से मद्महेश्वर पैदल मार्ग गौंडार गांव के समीप 40 मीटर से अधिक वॉशआउट हो गया था। इस दौरान 153 यात्रियों को एसडीआरएफ द्वारा रस्सी के सहारे रेस्क्यू किया गया था।
इधर, सोमवार को भी क्षेत्र में रुक-रुककर होती बारिश से पैदल मार्ग प्रभावित क्षेत्र में और भी संवेदनशील हो गया है। यहां, लोनिवि ऊखीमठ द्वारा मजदूरों की टोली भेजी गई है, लेकिन खराब मौसम के चलते उन्हें कार्य करने में दिक्कत आ रही है। इस दौरान मद्महेश्वर से लौट रहे 6 यात्रियों को वन विभाग और स्थानीय लोगों के द्वारा जंगल के रास्ते रेस्क्यू कर गौंडार गांव पहुंचाया गया। लोनिवि के अधिशासी अभियंता आरपी नैथानी ने बताया कि पैदल मार्ग पर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में मजदूरों के द्वारा सुधारीकरण कार्य शुरू कर दिया गया है, लेकिन खराब मौसम से बाधा हो रही है। जैसे ही मौसम में सुधार होता है, प्राथमिकता से रास्ते को ठीक कर दिया जाएगा।
वहीं, उप जिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला ने बताया कि मोरकंडा नदी पर लगाई गई ट्राली भी खतरे की जद में आ गई है। नदी से लगातार हो रहे कटाव के कारण ट्राली का एक पिलर भी दरक रहा। बणतोली के समीप पैदल मार्ग भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसके मरम्मत के लिए लोनिवि की टीम पहुंच गई है, पर खराब मौसम कार्य में बाधा डाल रहा है। परिस्थितियां सामान्य होने तक द्वितीय केदार की यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। इधर, ग्राम पंचायत ग्राम प्रधान अनूप पंवार, पूर्व ग्राम प्रधान वीर सिंह पंवार, मद्महेश्वर मंदिर के करोबारी भगत सिंह पंवार और यशवंत पंवार ने बताया कि बणतोली से मद्महेश्वर और मंदिर क्षेत्र में 50 से अधिक स्थानीय कारोबारी, हक-हकूकधारी और मंदिर समिति के कर्मचारी मौजूद हैं, जो पूरी तरह से सुरक्षित हैं। सभी लोगों के पास पर्याप्त राशन, सब्जी और अन्य जरूरी सामग्री उपलब्ध है।
हिन्दुस्थान समाचार / दीप्ति