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- मुख्यमंत्री ने सवारी मार्ग पर ड़मरु और झांझ बजाकर रजत पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का किया स्वागत- राजसी सवारी मार्ग पर उमड़ा देश के कोने-कोने से आये भक्तों का जनसैलाब
उज्जैन, 18 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में सोमवार को छठवीं और राजसी (शाही) सवारी धूमधाम से निकाली गई। इस दौरान भगवान महाकाल ने छह स्वरूपों में अपने भक्तों को दर्शन दिए। अवंतिकानाथ बाबा महाकाल ने रजत पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, गजराज पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर श्री शिवतांडव, नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश, श्री होल्कर स्टेट के मुखारविंद तथा श्री सप्तधान का मुखारविंद डोल रथ पर विराजित होकर नगर का भ्रमण किया और अपनी प्रजा का हाल जाना। सवारी में जनजातीय समूहों के कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी। सवारी के दौरान सम्पूर्ण उज्जयिनी भगवान श्री महाकालेश्वर की जय-जयकार से गुंजायमान हो गई। चारों दिशाओं में भगवान श्री महाकाल की भक्ति में लीन भक्तों के नेत्र त्रिनेत्रधारी भगवान श्री शिव की एक झलक पाकर भाव-विभोर हो गए।
सवारी निकलने से पूर्व शाम चार बजे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभामंडपम में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया। सभामंडप में प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, सतीश मालवीय व महेश परमार, महापौर मुकेश टटवाल, सभापति कलावती यादव, वैभव यादव ने भी भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन किया और आरती में शामिल हुए। पूजन-अर्चन पुजारी पं. महेश शर्मा व अन्य पुजारियों द्वारा सम्पन्न करवाया गया। पूजन के बाद निर्धारित समय पर भगवान श्री महाकाल की पालकी को नगर भ्रमण के लिये रवाना किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ यादव के मंशानुरुप सवारी के मुख्य द्वार पर पहुंचने पर रजत पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर पर हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। रजत पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर जैसे ही मुख्य द्वार पर पहुंचे, हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान श्री महाकालेश्वर का स्वागत-वन्दन किया। वहां पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों तथा प्रदेश के विभिन्न बटालियनों के जवानों द्वारा सवारी को सलामी दी। पालकी के आगे घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान आदि की टुकडियां मार्च पास्ट करते हुए चल रही थी। मुख्यमंत्री डॉ यादव सवारी में सम्मिलित हुए और सवारी मार्ग पर उन्होंने ड़मरु और झांझ बजाया। राजाधिराज भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी में हजारों श्रद्धालुओं ने सवारी मार्ग पर ड़मरु, झांझ-मंजीरे बजाकर अवंतिकानाथ भगवान श्री महकालेश्वर की जय जयकार की।
भगवान महाकाल ने भक्तों को छह रूपों में दिये दर्शन
राजसी सवारी में भगवान श्री महाकालेश्वर ने छह विभिन्न स्वरूपों में अपनें भक्तों को दर्शन दिये। भगवान महाकाल की राजसी सवारी में रजत पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर श्री शिवतांडव, नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश और डोल रथ पर श्री होल्कर स्टेट के मुखारविंद व षट्म् सवारी में श्री सप्तधान का मुखारविंद के रूपों में भक्तों को दर्शन दिए। भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी परम्परागत मार्गों से होती हुई रामघाट पहुंची। रामघाट पर भगवान श्री महाकाल का क्षिप्रा के जल से जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की गई। रामघाट पर भगवान महाकाल का क्षिप्रा के जल से जलाभिषेक, पूजन-अर्चन पं. महेश शर्मा और अन्य पुजारियों के द्वारा सम्पन्न कराया गया। पूजन के दौरान प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, महापौर मुकेश टटवाल, वैभव यादव सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। रामघाट पर पूजन के दौरान मुख्यमंत्री डॉ यादव की मंशानुरुप हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। पुष्प वर्षा में 500 किग्रा से अधिक गुलाब के पुष्प की पंखुडियों का उपयोग किया गया। राजसी सवारी का लाईव प्रसारण किया गया। सवारी में 70 भजन मण्डलियां शामिल हुई।
महाकालेश्वर भगवान की प्रमुख राजसी सवारी के चल समारोह में सबसे आगे श्री महाकालेश्वर मंदिर का प्रचार वाहन चला। उसके बाद यातायात पुलिस, तोपची, भगवान श्री महाकालेश्वर का रजत ध्वज, घुडसवार, विशेष सशस्त्र बल सलामी गार्ड, स्काउट-गाइड सदस्य, सेवा समिति बैंड के बाद उज्जैन के अतिरिक्त मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों से परंपरागत रूप से सवारी सम्मिलित होने वाली 70 भजन मंडलियां चल समारोह में प्रभु का गुणगान करते हुए व अपनी सेवाए देती हुई चली। भजन मंडलियों के बाद नगर के साधु-संत व गणमान्य नागरिक, पुलिस बैंड, नगर सेना के सलामी गार्ड की टुकड़ी, श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी व पुरोहितगण सवारी के साथ रहे। उनके बाद श्री महाकालेश्वर भगवान (श्री चंद्रमौलेश्वर) की प्रमुख पालकी , भारत बैंड, गरुड़ रथ पर विराजित श्री शिव-तांडव, रमेश बैंड, नंदी रथ पर श्री उमा महेश स्वरुप, गणेश बैंड, रथ पर श्री होल्कर स्टेट मुखारविंद, आर.के.बैंड , रथ पर श्री सप्तधान मुखारविंद के पश्चात राजकमल म्युजिकल ग्रुप बैंड व श्री मनमहेश स्वरुप हाथी पर विराजित रहे। सवारी के साथ एम्बुलेन्स, विद्युत मंडल का वाहन, फायर ब्रिगेड, वन विभाग आदि भी सुरक्षा की दृष्टि से सम्पूर्ण सवारी मार्ग में साथ मे चले।
चलित रथ के माध्यम से श्रद्धालुओं ने करें दर्शनभगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी के सुगमतापूर्वक दर्शन के लिये चलित रथ की व्यवस्था की गई, जिसके दोनों ओर एलईडी के माध्यम से सवारी का लाईव प्रसारण किया गया, जिससे श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन का लाभ मिला। साथ ही उज्जैन के अन्य स्थानों जैसे फ्रीगंज, नानाखेड़ा, दत्तअखाड़ा आदि क्षेत्रों में भी सवारी का लाइव प्रसारण किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशानुरूप बाबा श्री महाकालेश्वर की सवारी को भव्य स्वरुप देने के लिए 04 जनजातीय कलाकारों के दल ने सहभागिता की। इनमें लामूलाल धुर्वे अनूपपुर के नेतृत्व में ढुलिया जनजातीय गुदुमबाजा नृत्य, भुवनेश्वर से अभिजीत दास नेतृत्व में श्रृंगारी लोक नृत्य, सुमित शर्मा एवं साथी हरदा से डण्डा लोक नृत्य एवं साधूराम धुर्वे बालाघाट के नेतृत्व में बैगा जनजातीय करमा नृत्य की प्रस्तुतियां दी गई। यह सभी दल श्री महाकालेश्वर भगवान की राजसी सवारी के साथ अपनी प्रस्तुति देते हुए चले। रामघाट पर पूजन-अर्चन के बाद सवारी पुनः निर्धारित मार्ग से महाकाल मंदिर के लिए रवाना हुई। समाचार लिखे जाने तक सवारी ढ़ाबा रोड होते हुए श्री गोपाल मंदिर पहुंचने वाली थी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर