Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
नई दिल्ली, 18 अगस्त (हि.स)। केंद्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के संवर्धन और विकास के लिए कई कदम उठाए हैं।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत सेवा क्षेत्र के लिए 20 लाख रुपये की राशि आवंटित की गई है, जिससे इस योजना का दायरा बढ़ गया है।
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने सोमवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। करंदलाजे ने सदन को बताया कि एमएसएमई मंत्रालय ने कारोबार में आसानी के लिए एमएसएमई के लिए उद्यम पंजीकरण 1 जुलाई, 2020 से प्रभावी है। खुदरा और थोक व्यापारियों को 02 जुलाई, 2021 से एमएसएमई के रूप में शामिल करना शाामिल है। करंदलाजे ने बताया कि अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों (आईएमई) को प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए औपचारिक दायरे में लाने हेतु उद्यम सहायता प्लेटफॉर्म (यूएपी) का शुभारंभ किया गया। एमएसई के लिए 2 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त ऋण की सुविधा प्रदान करने और रोजगार के अवसरों का विस्तार करने हेतु 9,000 करोड़ रुपये की आवश्यक धनराशि के साथ ऋण गारंटी योजना का पुनर्गठन किया गया।
उन्होंने सदन को बताया कि 18 व्यवसायों में लगे पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को संपूर्ण लाभ प्रदान करने के लिए 17 सितंबर, 2023 को 'पीएम विश्वकर्मा' योजना का शुभारंभ हुआ। मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत (एसआरआई) कोष की स्थापना उन एमएसएमई में इक्विटी फंडिंग के रूप में 50,000 करोड़ रुपये डालने के लिए की गई है, जिनमें विकसित होकर बड़ी इकाइयां बनने की क्षमता और व्यवहार्यता है।
केंदीय राज्य मंत्री ने कहा कि 90 फीसदी तक गारंटी कवरेज वाले एमएसई को विभिन्न श्रेणियों के ऋणों के लिए 10 करोड़ रुपये 01 अप्रैल, 2025 से प्रभावी तक की सीमा तक संपार्श्विक मुक्त ऋण, क्रेडिट गारंटी योजना के तहत सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) के माध्यम से प्रदान किए जाते हैं। विनिर्माण क्षेत्र के लिए अधिकतम परियोजना लागत को 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये और विनिर्माण क्षेत्र के लिए 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर