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कोलकाता, 18 अगस्त (हि.स.)। भारतीय सेना की पूर्वी कमान ने सोमवार को त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में ‘एक्सरसाइज ड्रोन प्रहार-2’ के तहत युद्धक्षेत्र में ड्रोन के सामरिक इस्तेमाल का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। इस अभ्यास का मकसद लड़ाई के हर स्तर पर आधुनिक तकनीक से लैस ‘स्मार्ट सोल्जरिंग’ को बढ़ावा देना था।
पूर्वी कमान मुख्यालय विजय दुर्ग की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि “हर कंधे पर एक बाज” की अवधारणा के तहत यह अभ्यास किया गया। चुकी बाज की नजर बहुत तेज होती है और वह दुर्गम क्षेत्रों तक जासूसी का संकेत है इसीलिए इसका उद्देश्य था-सूचना जुटाने की क्षमता बढ़ाना, दुश्मन पर सटीक प्रहार करने की ताकत मजबूत करना, युद्धक्षेत्र में सामरिक हवाई बढ़त हासिल करना और स्वदेशी प्रणालियों को प्रोत्साहित करना।
अभ्यास के दौरान नई सोच विकसित हुई, आधुनिक पद्धतियां सीखी गईं और विभिन्न फॉर्मेशन के बीच बेहतर तालमेल देखने को मिला। इससे सैनिकों की युद्धक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पूर्वी कमान के अधिकारियों के अनुसार, यह पहल भविष्य के युद्ध परिदृश्य में भारतीय सेना को और भी मजबूत बनाएगी।-------------------
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर