गलतियों से सबक ले हुनर से नया भविष्य गढ़ेंगे बालक
- बाल सम्प्रेक्षण गृह में बच्चों की शिक्षा और प्रशिक्षण से बदलेगी जिंदगी मीरजापुर, 18 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जिले के बाल सम्प्रेक्षण गृह में रह रहे बच्चे अब सिर्फ सजा काटने वाले नहीं रहेंगे, बल्कि भविष्य की नई राह बनाने वाले होंगे।
बाल सम्प्रेक्षण गृह, मीरजापुर।


- बाल सम्प्रेक्षण गृह में बच्चों की शिक्षा और प्रशिक्षण से बदलेगी जिंदगी

मीरजापुर, 18 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जिले के बाल सम्प्रेक्षण गृह में रह रहे बच्चे अब सिर्फ सजा काटने वाले नहीं रहेंगे, बल्कि भविष्य की नई राह बनाने वाले होंगे। अब यहां हर बच्चे को उनकी रुचि और क्षमता के अनुसार पढ़ाई व हुनर सिखाया जाएगा। जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार ने अधिकारियों और स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों के साथ चर्चा कर निर्देश दिया कि इन बच्चों को शिक्षा, व्यवसायिक प्रशिक्षण, स्वास्थ्य परीक्षण, योग और सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़कर मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जाए। यह प्रयास बच्चों को हीनभावना से उबारकर उनका सुनहरा भविष्य गढ़ने में सहायक होगा।

डीएम ने कहा कि जिन्हें पढ़ाई में रुचि है, उन्हें कक्षा एक से 12 तक की शिक्षा दी जाएगी। कोई मशीनों में दिलचस्पी रखता है तो उसे मोबाइल और टीवी मरम्मत जैसी तकनीकी ट्रेनिंग मिलेगी। संगीत और कला में रुचि रखने वालों को गायन-वादन और मंचीय गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। वहीं योग और स्वास्थ्य परीक्षण से बच्चों का शारीरिक और मानसिक संतुलन बेहतर बनाने की तैयारी है ताकि वे आत्मविश्वास से भरे रहें और समाज में वापस लौटकर स्वावलंबी बन सकें।

केबी पीजी काॅलेज के प्राचार्य डा. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि यह पहल बच्चों को आत्मनिर्भर बनाकर समाज में नई पहचान दिलाएगी। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, जब किसी बच्चे को अपनी क्षमता का पता चलता है और उसे सही दिशा मिलती है तो वह हीनभावना से बाहर निकलकर आत्मविश्वास से भरा इंसान बन जाता है। बाल सम्प्रेक्षण गृह से बाहर निकलने के बाद बच्चे रोजगार के जरिए न केवल खुद को संभाल पाएंगे, बल्कि समाज की मुख्यधारा में भी योगदान दे सकेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा