Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
नई दिल्ली, 18 अगस्त (हि.स)। केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद को बताया कि 31 जुलाई तक गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी यानी इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर (जीआईएफटी आईएफएससी) में 409 कंपनियां कार्यरत हैं। इसके अलावा, बैंकिंग, परिसंपत्ति प्रबंधन और अन्य वित्तीय पारिस्थितिकी प्रणालियों को जीआईएफटी आईएफएससी में शामिल और सक्षम किया गया है।
केंदीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा, 1 अक्टूबर, 2020 से 31 जुलाई, 2025 के बीच ऐसी कंपनियों की संख्या 82 से बढ़कर 409 हो गई है। उन्होंने सदन को बताया कि पिछले पांच वर्षों में सरकार ने गिफ्ट आईएफएससी के विकास के लिए कई प्रगतिशील नीतिगत उपाय किए हैं, जिसमें भारत में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (आईएफएससी) के विकास और विनियमन के लिए एक एकीकृत वैधानिक नियामक के रूप में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) की स्थापना शामिल है।
सीतारमण ने अपने जवाब में कहा कि गिफ्ट आईएफएससी में कारोबार को और अधिक सुगम बनाने के लिए सरकार ने विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) अधिनियम, 2005 के तहत विकास आयुक्त की शक्तियां अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) को सौंप दी हैं। इसके साथ ही आईएफएससी इकाइयों के लिए एकल खिड़की आईटी प्रणाली (एसडब्ल्यूआईटीएस) शुरू करने में सहायता की है।
वित्त मंत्री ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि कोविड-19 के बाद सरकार ने ऋण को वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 61.4 फीसदी से घटाकर बजट अनुमान 2025-26 में जीडीपी के 56.1 फीसदी तक समेकित कर दिया है। सीतारमण ने एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कमजोर वैश्विक व्यापार के बावजूद भारत के निर्यात क्षेत्र ने लचीलापन रूख दिखाया है। देश का समग्र निर्यात 2024-25 में 824.96 अरब अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर