ऋषिका गार्गी सम्मान' से विभूषित हुईं कुलपति प्रो.पूनम टंडन
गोरखपुर, 17 अगस्त (हि.स.)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन को ऋषिका गार्गी सम्मान से विभूषित किया गया। प्रोफेसर टंडन, यह सम्मान प्राप्त करने वाली पहली शख्सियत हैं। यह सम्मान उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट योग
ऋषिका गार्गी सम्मान' से विभूषित हुईं कुलपति प्रो.पूनम टंडन*


ऋषिका गार्गी सम्मान' से विभूषित हुईं कुलपति प्रो.पूनम टंडन*


ऋषिका गार्गी सम्मान' से विभूषित हुईं कुलपति प्रो.पूनम टंडन*


गोरखपुर, 17 अगस्त (हि.स.)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन को ऋषिका गार्गी सम्मान से विभूषित किया गया। प्रोफेसर टंडन, यह सम्मान प्राप्त करने वाली पहली शख्सियत हैं। यह सम्मान उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए प्रदान किया गया है।

अध्यात्म, चिकित्सा, शिक्षा एवं संस्कृति के प्रतिष्ठित केंद्र सिद्धपीठ मदरिया द्वारा प्रदान किया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान है। पीठ द्वारा समाज के ऐसे 20 विशिष्ट समाज-सेवियों को अलंकृत किया गया, जिनकी आभा से समाज प्रेरित व प्रकाशित हो रहा है।

इनमें भारतीय संस्कृति एवं संस्कृत के उन्नयन हेतु अपना बहुआयामी योगदान देने वाले 10 प्रतिष्ठित संस्कृत-सेवी तथा 10 प्रतिष्ठित समाजसेवियों को सम्मानित किया गया।

सम्मान समारोह की मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा कि किसी धार्मिक केंद्र द्वारा सामाजिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक तथा चिकित्सीय सेवा का निर्वाह उल्लेखनीय है। सिद्ध पीठ मदरिया इन दायित्वों के निर्वाह का सुंदर उदाहरण है।

पीठ के उत्तराधिकारी श्रीशदास जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि बुरा तभी तक अस्तित्वमान होता है जब तक अच्छा प्रकाशमान न हो जाए। जरूरत है तो अच्छे लोगों, अच्छे कार्यों को रेखांकित करने की। इसी विचार से सिद्ध पीठ द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यह अत्यंत गौरवपूर्ण है कि इस सम्मान समारोह का आरंभ कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन जी से हुआ है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय