मद्महेश्वर पैदल मार्ग बणतोली में 40 मीटर ध्वस्त, 153 यात्रियों का किया गया रेस्क्यू
रुद्रप्रयाग, 17 अगस्त (हि.स.)। मूसलाधार बारिश से द्वितीय केदार मद्महेश्वर को जोडऩे वाला पैदल मार्ग बणतोली के समीप 40 मीटर वॉशआउट हो गया, जिस कारण 153 यात्रियों का रस्सियों के सहारे रेस्क्यू किया गया। बीते 5 अगस्त को मोरकुंड़ा नदी पर अस्थायी पुलिया बह
मद्महेश्वर पैदल मार्ग बणतोली में 40 मीटर ध्वस्त, 153 यात्रियों का किया गया रेस्क्यू


रुद्रप्रयाग, 17 अगस्त (हि.स.)। मूसलाधार बारिश से द्वितीय केदार मद्महेश्वर को जोडऩे वाला पैदल मार्ग बणतोली के समीप 40 मीटर वॉशआउट हो गया, जिस कारण 153 यात्रियों का रस्सियों के सहारे रेस्क्यू किया गया। बीते 5 अगस्त को मोरकुंड़ा नदी पर अस्थायी पुलिया बहने से यात्रियों को ट्राली से बणतोली भेजा जा रहा था। अब, पैदल मार्ग के ध्वस्त होने से यात्रा ठप हो गई है। विधायक आशा नौटियाल ने लोनिवि को जल्द वैकल्पिक पैदल मार्ग निर्माण के निर्देश दिए हैं।

शनिवार देर रात हुई मूसलाधार बारिश से गौंडार गांव से करीब एक किमी आगे बणतोली के समीप सहढुंगीधार में भारी भूस्खलन से मद्महेश्वर पैदल मार्ग लगभग 40 मीटर ध्वस्त हो गया है। यहां, पहाड़ी से गिरे बड़े-बड़े बोल्डरों के साथ मिट्टी का कटाव हो गया, जिससे रास्ता आवाजाही के लिए पूरी तरह से बंद हो गया। इस दौरान मंदिर से वापस लौटने वाले यात्री भी फंस गये।

ग्राम प्रधान व अन्य ग्रामीणों की सूचना पर पूर्वान्ह 11.30 बजे निरीक्षक अनिरूद्ध भंडारी के नेतृत्व में एसडीआरएफ की मौके पर पहुंची और जिला आपदा प्रबंधन दल के जवानों के सहयोग से रस्सियों के सहारे शाम 6 बजे तक 142 यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू कर गौंडार गांव पहुंचाया गया।

यहां से यात्री रांसी पहुंचे और अपने गंतव्यों के लिए रवाना हो गये। ग्राम पंचायत गौंडार के ग्राम प्रधान अनूप पंवार, पूर्व ग्राम प्रधान वीर सिंह पंवार और सरपंच फते सिंह ने बताया कि बीते 5 अगस्त को मोरकुंड़ा नदी पर बनी अस्थायी पुलिया के बहने से यात्री ट्राली के सहारे मद्महेश्वर की यात्रा संचालित की जा रही थी। अब, रास्ता भी ध्वस्त होने से यात्रा पूरी तरह से बंद हो गई है।

इधर, केदारनाथ विस की विधायक आशा नौटियाल ने बताया कि लोक निर्माण विभाग को प्रभावित क्षेत्र में त्वरित वैकल्पिक रास्ता तैयार कर अगले दो-तीन दिन में द्वितीय केदार की यात्रा पुन: संचालित कराने के निर्देश दिये गये हैं।

उन्होंने बताया कि मोरकुंडा नदी पर प्रस्तावित 90 मीटर लंबा झूला पुल के लिए भी शासन से सैंद्धांतिक और वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है। बता दें कि वर्ष 2023 में अतिवृष्टि से 30 मीटर लंबा स्टील गार्डर पुल ध्वस्त हो गया था। तब, से द्वितीय केदार की यात्रा हिचकोलों के सहारे संचालित हो रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / दीप्ति