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धर्मशाला, 17 अगस्त (हि.स.)। ब्यास नदी के जलस्तर में हुई वृद्धि के चलते कांगड़ा ज़िला के पौंग बांध से रविवार को 57221 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बांध का जलस्तर 1,379.98 फीट तक पंहुच गया, जो खतरे के निशान के बेहद करीब है। स्थिति को देखते हुए भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने बांध के टर्बाइनों और स्पिलवे के ज़रिए 57,221 क्यूसेक पानी की नियंत्रित निकासी की है। अधिकारियों का कहना है कि मानसून सीज़न में यह अब तक की सबसे बड़ी निकासी है।
पानी छोड़ने से पूर्व बीबीएमबी ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और पंजाब के होशियारपुर ज़िला प्रशासन को अलर्ट जारी किया था। ब्यास नदी के मंड क्षेत्रों में पहले से ही बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। कई गांव जलमग्न हो गए हैं और कांगड़ा के मंड भोगरवा में नदी के उफान से कई एकड़ उपजाऊ जमीन और घर खतरे में हैं।
उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने बताया कि रविवार सुबह जलाशय में कुल 1,09,789 क्यूसेक पानी का प्रवाह दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मद्देनज़र टर्बाइनों से 17,620 क्यूसेक और स्पिलवे से 39,601 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
दूसरी ओर, होशियारपुर की डीसी आशिका जैन ने कहा कि प्रशासन स्थिति पर लगातार नज़र रखे हुए और निचले इलाकों में एहतियाती अलर्ट जारी किया गया है। बीबीएमबी ने पूर्व चेतावनी के लिए सायरन बजाए और प्रभावित क्षेत्रों में सार्वजनिक घोषणाएं की हैं।
कांगड़ा के फ़तेहपुर और इंदौरा में एसडीएम हालात पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। रे, स्थाना, संसारपुर टैरेस और रियाली में रेड अलर्ट की व्यवस्था की गई है। जिले के मांड क्षेत्रों के 100 से अधिक परिवार पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पंहुचाये जा चुके हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया