जन्माष्टमी पर्व के आनन्द में मध्य रात्रि पर्यंत डूबे रहे नगर गांव, श्री गोवर्धन नाथ की हवेली में आज नंदोत्सव
झाबुआ, 17 अगस्त (हि.स.)। सनातन धर्मावलंबियों के अत्यन्त महत्वपूर्ण धार्मिक एवं आध्यात्मिक पर्व श्रीकृष्ण प्राकट्योत्सव दिवस जन्माष्टमी के अवसर पर जिले में अभूतपूर्व हर्षोल्लास छाया रहा, और देर रात तक नगर नगर गांव गांव उत्सव के आनंद में डूबे रहे। महाप
मंदिरों में प्रतिमा का श्रृंगार


मटकी फोड़ प्रतियोगिता


झाबुआ, 17 अगस्त (हि.स.)। सनातन धर्मावलंबियों के अत्यन्त महत्वपूर्ण धार्मिक एवं आध्यात्मिक पर्व श्रीकृष्ण प्राकट्योत्सव दिवस जन्माष्टमी के अवसर पर जिले में अभूतपूर्व हर्षोल्लास छाया रहा, और देर रात तक नगर नगर गांव गांव उत्सव के आनंद में डूबे रहे। महापर्व के अवसर पर मंदिरों में एक तरफ जहां श्री भगवान् की प्रतिमाओं का आकर्षक श्रृंगार किया गया, वहीं दूसरी तरफ आकर्षक झांकियां बनाई गई है, और मध्य रात्रि में मटकी फोड़ प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।

भगवान् श्रीकृष्ण के प्राकट्योत्सव दिवस की खुशी में

जिला मुख्यालय स्थित श्रीमद्वल्लभ सम्प्रदाय के प्राचीन श्री गोवर्धननाथ की हवेली मंदिर में आज रविवार को नंदोत्सव मनाया गया। भगवान् श्रीकृष्ण के प्राकट्योत्सव दिवस की खुशी में श्री गोवर्धन नाथ मंदिर हवेली में परंपरागत रूप से मनाए जाने वाले नंदोत्सव में गीत, संकीर्तन और नृत्य का शानदार आगाज हुआ।

जन्माष्टमी महोत्सव पर शनिवार प्रातः काल पूजन अर्चन और श्रृंगार से आरंभ हुआ आराधना का सिलसिला मध्य रात्रि बारह बजे उस वक्त चरम पर पहुंच गया जब भगवान् श्रीकृष्ण के प्राकट्योत्सव की स्मृति में भगवान् के अर्चा विग्रहों की आरती उतारी जाने लगी। जिले के विभिन्न मंदिरों में रात 3 बजे तक आनंद उत्सव मनाया जाता रहा, और नगर नगर गांव गांव उत्सव की मस्ती में डूबे रहे।

श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेव, के दिव्य गान के बीच मंदिरों में प्रातः कालीन ब्रह्म मुहूर्त में भगवान् की पूजा अर्चना आरम्भ हो गई थी, जो कि दोपहर तक चलती रही। महामहोत्सव पर विद्वान कर्मकांडी ब्राह्मणों द्वारा कहीं पुरूसुक्त और महामंत्र से श्री भगवान् का अभिषेक किया गया तो कहीं विभिन्न स्तोत्रों का पाठ कर भगवान् की पूजा आराधना कर स्तुति गाई गई, और फिर महामंत्र कीर्तन हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे. का समवेत स्वर में गान किया गया। भगवान् श्रीकृष्ण के भजन और संकीर्तन का यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा।

भगवान् श्रीकृष्ण के प्राकट्योत्सव के अवसर पर खास आयोजन जिला मुख्यालय स्थित श्रीमद्वल्लभ सम्प्रदाय के प्राचीन गोवर्धन नाथ मंदिर एवं श्री चारभुजा नाथ मंदिर में हुआ, जहां बड़े सबेरे 4 बजे भगवान् श्री कृष्ण की विशेष पूजा अर्चना एवं अभिषेक से पर्व का आरम्भ हुआ। जिला मुख्यालय के श्रीराधाकृष्ण मंदिर, श्रीबांकेबिहारी मंदिर, श्री सत्यनारायण मंदिर, थान्दला नगर में अति प्राचीन श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर, श्रीबांकेबिहारी मंदिर, श्री बड़े रामजी मंदिर एवं श्री पट्टाभिराममंदिर, बामनिया में बिरला द्वारा रेल्वे स्टेशन के नजदीक पहाड़ी पर निर्मित वनवासी राम मंदिर एवं ग्राम परवलिया के श्री रणछोड़राय मंदिर सहित जिले के विभिन्न मंदिरों में भी भगवान् श्री कृष्ण के प्राकट्योत्सव दिवस पर विशेष पूजा कर श्रृंगार किया गया। जिला में रातभर आनंदोत्सव मनाया जाता रहा।

श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार भगवान् विष्णु नारायण भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर रात्रि के 12 बजे श्रीकृष्ण के रूप में कंस के कारागृह में सोलह कलाओं के साथ अवतरित हुए थे। इसीलिए देश ओर विदेश के सनातनधर्मी इस पर्व को पूरी श्रद्धा और विश्वास से मध्य रात्रि में ही मनाते आए हैं।

इस मौके पर जिला मुख्यालय के राजबाड़ा चौक में परंपरागत रूप से आयोजित आकर्षक मटकी फोड़ प्रतियोगिता का कार्यक्रम भी रखा गया। आयोजन देर रात तक चलता रहा। जिले में अन्य स्थानों पर भी मटकी फोड़ प्रतियोगिताएं आयोजित

की गई।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. उमेश चंद्र शर्मा