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विश्व हिन्दू परिषद् पश्चिम कोलकाता ने मनाया जन्माष्टमी उत्सव
कोलकाता, 17 अगस्त (हि. स.)। श्रीकृष्ण का चरित हमें जीवन के हर पड़ाव में प्रेरित करता है और हमारे साथ चलता है। श्रीकृष्ण का बचपन, उनकी तरुणाई, उनकी प्रौढता विभिन्न रूपों में हमारे जीवन को प्रेरित करती है, हमें संबल प्रदान करती है।
उपरोक्त बातें प्रबुद्ध चिंतक अजयेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने विश्व हिन्दू परिषद् पश्चिम कोलकाता द्वारा परिषद के 61 वें स्थापना दिवस पर शनिवार को आयोजित जन्माष्टमी महोत्सव को संबोधित करते हुए कही।
दंडी स्वामी ब्रह्माश्रम जी महाराज (हरिद्वार) ने आशीर्वचन प्रदान करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण ने अपने चुनौतिपूर्ण संघर्षशील जीवन के बावजूद बड़े-बड़े कार्य किए एवं धर्म की पुन: स्थापना का स्तुत्य कार्य किया।
समारोह के अध्यक्ष समाजसेवी हरिशंकर झंवर ने भगवान कृष्ण की अनमोल धरोहर भगवद्गीता की महत्ता बताते हुए कहा कि हमें उसमें वर्णित कर्मों को सदैव करना चाहिए तभी हम सुखी समृद्ध होंगे।
मार्गदर्शक महावीर बजाज ने बताया कि हर मनुष्य की यात्रा राम से ही शुरू होती है और समय उसे कृष्ण बनाता है। व्यक्ति का कृष्ण होना भी उतना ही जरूरी है, जितना राम होना। लेकिन राम से प्रारंभ हुई यह यात्रा तब तक अधूरी है, जब तक इस यात्रा का समापन कृष्ण पर न हो।
परिषद के अध्यक्ष एडवोकेट महेन्द्र कुमार शर्मा ने संचालन करते हुए परिषद के उद्देश्यों को बताया एवं विगत 60 वर्षों से परिषद समाज एवं संस्कृति के उत्थान में कार्यरत है। श्री दहमी माता मंदिर के ट्रस्टी बजरंग लाल गोयल भी मंचासीन थे। अशोक दूबे ने गणेश वन्दना से कार्यक्रम का प्रारम्भ किया जबकि श्री दहमी माता मंदिर (न्यू टाउन) के कार्यकत्ताओं ने। भजनों की प्रस्तुति दी। भजन-कीर्तन के बाद महाआरती की गई एवं प्रसाद वितरण किया गया।
समारोह में सर्वश्री रामगोपाल सूंघा, ब्रह्मा नंद बंग, बुलाकी दास मीमाणी, श्रवण खेतान, प्रमोद पुष्टि, संजय रस्तोगी, तेज बहादुर सिंह, अशोक सिंघानिया, प्रवीण शर्मा, सत्यप्रकाश राय, गणेश झा, तथा कई अन्य लोग उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष मधुप