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शिमला, 17 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। यह सत्र सोमवार दोपहर 2 बजे आरम्भ होगा और 2 सितम्बर तक चलेगा। कुल 12 बैठकों वाला यह सत्र चौदहवीं विधानसभा का नौवां सत्र होगा। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ही इस सत्र को लेकर अपनी-अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं। भाजपा ने रविवार शाम बैठक कर सत्र की रूपरेखा बनाई, जबकि कांग्रेस सोमवार को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ओकओवर में अपनी रणनीति तय करेगी।
सत्र आरम्भ होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया सर्वदलीय बैठक करेंगे, जिसमें संसदीय कार्य मंत्री, नेता प्रतिपक्ष, उपमुख्य सचेतक हिमाचल सरकार और भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक शामिल होंगे। विधानसभा सचिवालय ने सत्र की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। पुलिस ने सुरक्षा के दृष्टिगत पुख्ता प्रबन्ध किये हैं।
विशेष बात यह है कि विधानसभा के इतिहास में यह चौथा सबसे बड़ा मानसून सत्र होगा। वर्ष 1962 में प्रथम विधानसभा में 13 बैठकें, 1968 में द्वितीय विधानसभा में 15 बैठकें और वर्ष 2009 में ग्यारहवीं विधानसभा में 17 बैठकें आयोजित हो चुकी हैं।
पहले दिन की कार्यवाही शोक प्रस्ताव से शुरू होगी। पूर्व विधायक गणेश दत्त भरवाल के निधन पर सदन में श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद प्रश्नकाल और अन्य विधायी कार्य संपन्न किए जाएंगे। भाजपा विधायक लोकेंद्र कुमार निरमण्ड के डोगरी प्राथमिक विद्यालय को डिनोटिफाई करने का मुद्दा नियम 62 के तहत उठाएंगे। केवल सिंह पठानिया बीपीएल चयन में दी गई छूट पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाएंगे। वहीं कृषि मंत्री चन्द्र कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि, औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2024 को वापिस लेने का प्रस्ताव पेश करेंगे।
भारी बारिश से हुए नुकसान को लेकर भी सदन में चर्चा होने की संभावना है। विधायक चन्द्र कुमार, केवल सिंह पठानिया, सुरेश कुमार और नीरज नय्यर नियम 130 के तहत इस मुद्दे को उठाएंगे। विधायक जीतराम कटवाल प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और इसके लिए कारगर नीति बनाने का प्रस्ताव लाएंगे।
सत्र के दौरान विधानसभा सचिवालय को सदस्यों की ओर से कुल 830 प्रश्न प्राप्त हुए हैं, जिनमें 679 तारांकित और 151 अतारांकित प्रश्न शामिल हैं। इसके अलावा नियम 62 के तहत 10, नियम 101 के तहत 6 और नियम 130 के तहत 12 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं।
सदन में उठाए जाने वाले प्रश्नों में प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान, प्रभावित परिवारों के पुनर्वास, आपदा प्रबंधन के प्रयास, स्कूलों के विलय, सड़कों-पुलों का निर्माण, विभागों में रिक्त पदों की पूर्ति, युवाओं में नशे की बढ़ती समस्या और कर्मचारियों के बकाया भुगतान जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे।
सत्र के हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं। विपक्ष वित्तीय संकट, संस्थानों को शिफ्ट करने, कानून-व्यवस्था की स्थिति, नशा तस्करी, बेरोजगारी, अवैध खनन और सरकार की गारंटियों जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। वहीं कांग्रेस सरकार अपने ढाई साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाएगी और केंद्र सरकार की उपेक्षा को लेकर विपक्ष पर पलटवार करेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा