Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
पूर्णिया, 17 अगस्त (हि.स.)। बिहार सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह ने रविवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब उपभोक्ताओं को डीलरों द्वारा अनाज कम देने की शिकायतों पर पूरी तरह अंकुश लग जाएगा।
उन्होंने कहा कि अक्सर गांव और शहरों से यह शिकायतें मिलती थीं कि डीलर एक से दो किलो तक अनाज कम तौल देते हैं। लेकिन अब हर डीलर के यहां वेइंग मशीन लगाई जा रही है। जब तक उपभोक्ता अपना अंगूठा मशीन पर नहीं लगाएंगे, तब तक वजन की प्रक्रिया पूरी नहीं होगी। ग्राहक को जितना अनाज मिलेगा, उसका वजन मशीन पर अंकित रहेगा और अंगूठे के निशान के बाद ही अनाज वितरण संभव होगा। इससे अब उपभोक्ताओं को पूरा लाभ मिलेगा और उन्हें धोखा नहीं दिया जा सकेगा।
मंत्री ने बताया कि डीलरों की भी लंबे समय से शिकायत रहती थी कि उन्हें गोदाम से ही कम अनाज मिलता है। इस समस्या को भी दूर कर दिया गया है। अब गोदाम में भी पॉश मशीन लगाई जा रही है। डीलर को जितना सामान मिलेगा, वह मशीन पर दर्ज होगा और डीलर के अंगूठा लगाने के बाद ही उसे गोदाम से अनाज मिलेगा। इस तरह डीलर और उपभोक्ता दोनों की शिकायतें दूर हो जाएंगी।
संपूर्ण प्रक्रिया को डिजिटल माध्यम से पटना स्थित निगरानी कार्यालय से जोड़ा गया है। यदि कोई डीलर गोदाम से 100 क्विंटल अनाज उठाता है तो उसकी जानकारी तुरंत पटना पहुंच जाएगी। दुकान पर वितरण के दौरान भी मशीन पर रिकॉर्ड रहेगा कि कितना अनाज किस उपभोक्ता को मिला। यदि किसी महीने 80 क्विंटल ही वितरण हुआ तो शेष 20 क्विंटल की जानकारी भी स्वतः सिस्टम में दर्ज हो जाएगी और अगले महीने की आपूर्ति में जोड़ दी जाएगी।
लेसी सिंह ने कहा कि इस व्यवस्था को लागू करने में सरकार 110 करोड़ रुपये खर्च कर रही है और यह प्रणाली सितंबर से पूरे राज्य में लागू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मंशा है कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में पारदर्शिता आए और जनता को शिकायत करने का मौका न बचे। यह कदम भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के साथ-साथ गरीबों तक सरकारी योजना का पूरा लाभ पहुंचाने में मील का पत्थर साबित होगा।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / नंदकिशोर सिंह