Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
शिमला, 17 अगस्त (हि.स.)। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की राज्य कमेटी ने हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी वर्षा और उससे हुई भारी तबाही पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। पार्टी ने कहा कि प्रदेश में अब तक 261 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 38 लोग अब भी लापता हैं। सरकार के प्राथमिक आकलन के अनुसार अब तक करीब 2144 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, 2385 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं जिनमें से 566 पूरी तरह ढह गए, 360 दुकानें और 2174 पशुशालाएं नष्ट हो गई हैं। इसी मानसून में 1626 पशुओं और 25,755 पोल्ट्री पक्षियों की मौत हो चुकी है।
सीपीएम ने कहा कि भारी बारिश और भूस्खलन से पूरे प्रदेश में सड़कें, पेयजल योजनाएं, ट्रांसफार्मर और बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। शिमला समेत लगभग सभी जिलों में पेयजल संकट गहरा गया है और कई गांवों तक प्रशासन अब तक पहुंच भी नहीं पाया है। सड़क मार्ग टूटने से लोग स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य आवश्यक सेवाओं से वंचित हैं, जबकि किसानों की सेब और अन्य फसलें मंडियों तक न पहुंच पाने के कारण बर्बादी की कगार पर हैं।
राज्य सचिव संजय चौहान ने कहा कि प्रदेश में मंडी, कुल्लू, शिमला, कांगड़ा, सिरमौर, ऊना और चंबा जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं और यहां जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्मचारियों की कमी के कारण राहत कार्य सुचारू रूप से नहीं चल पा रहे हैं और प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन की पहुंच भी सीमित है।
सीपीएम ने मांग की है कि केंद्र सरकार हिमाचल की इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे और तत्काल कम से कम 3000 करोड़ रुपए की फौरी राहत राशि राज्य को उपलब्ध करवाए। पार्टी ने साथ ही राज्य सरकार से आग्रह किया कि सर्वदलीय बैठक बुलाकर आपदा से निपटने के लिए साझा रणनीति बनाई जाए और राहत कार्यों को युद्धस्तर पर चलाया जाए।
पार्टी ने कहा कि वह राहत कार्यों में पूरा सहयोग देगी और स्थानीय कमेटियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे प्रभावित इलाकों में जनता के साथ मिलकर राहत गतिविधियों को आगे बढ़ाएं। चौहान ने प्रदेश की जनता से अपील की कि वे इस संकट की घड़ी में एकजुट होकर एक-दूसरे का सहयोग करें।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा