इंदौरः निगम आयुक्त ने की नमामि गंगे एवं अमृत 2.0 प्रोजेक्ट की समीक्षा
- नदी किनारे से अवैध अतिक्रमण हटाने एवं शेष विकास कार्यों को समय सीमा पर पूर्ण करने के दिए निर्देश इंदौर, 17 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के इंदौर में नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा द्वारा रविवार को स्मार्ट सिटी कार्यालय में आगामी सिंहस्थ 2028, नमामि गंगे
इंदौरः निगम आयुक्त ने की नमामि गंगे एवं अमृत 2.0 प्रोजेक्ट की समीक्षा


- नदी किनारे से अवैध अतिक्रमण हटाने एवं शेष विकास कार्यों को समय सीमा पर पूर्ण करने के दिए निर्देश

इंदौर, 17 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के इंदौर में नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा द्वारा रविवार को स्मार्ट सिटी कार्यालय में आगामी सिंहस्थ 2028, नमामि गंगे अभियान एवं अमृत प्रोजेक्ट 2.0 की तैयारियों को लेकर महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर आयुक्त रोहित सिसोनिया, कार्यपालन यंत्री विवेश जैन सहित कंसल्टेंट्स एवं प्रोजेक्ट से जुड़े विभिन्न कंपनी के अधिकारी उपस्थित रहे।

निगम आयुक्त वर्मा ने बैठक में कहा कि आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए शहर में नदी एवं नालों की सफाई कार्य को प्राथमिकता से पूरा किया जाए। इसके साथ ही आउट फॉल टेपिंग कार्यों की भी गंभीरता से समीक्षा की गई और अधिकारियों को निर्धारित समयसीमा में गुणवत्तापूर्ण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।

उन्होंने बताया कि सिंहस्थ जैसे महाकुंभ आयोजन के लिए इंदौर की छवि को स्वच्छ एवं पर्यावरण अनुकूल बनाने हेतु देश की प्रतिष्ठित कंपनियों एवं प्रमुख शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर नवीन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इस क्रम में फ्लोटिंग aerators एवं फ्लोटिंग वेटलैंड व अन्य आधुनिक तकनीक अपनाने हेतु hackathon आयोजित करने की दिशा में भी योजना बनाई गई है, ताकि आधुनिक और टिकाऊ तकनीक को अपनाकर जल संरक्षण एवं स्वच्छता के क्षेत्र में नए प्रयोग किए जा सकें।

बैठक में आयुक्त ने यह भी स्पष्ट निर्देश दिए कि नदी एवं नालों के किनारे स्थित अवैध अतिक्रमण को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाए, जिससे स्वच्छता कार्यों में कोई बाधा न उत्पन्न हो। साथ ही नमामि गंगे अभियान एवं अमृत प्रोजेक्ट 2.0 से संबंधित सभी कार्यों के साथ-साथ अन्य विकास परियोजनाओं को भी समन्वित एवं योजनाबद्ध तरीके से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में विकास कार्य प्रारंभ करने से पहले आवश्यक अधोसंरचना कार्य समय रहते पूर्ण कर लिए जाएं। ताकि भविष्य में निर्माण कार्य के पश्चात सड़कों की अनावश्यक खुदाई या तोड़फोड़ की स्थिति उत्पन्न न हो और अतिरिक्त व्यय का भार नगर निगम अथवा नागरिकों पर न पड़े।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर