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मंडी, 17 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल किसान सभा के उपाध्यक्ष जोगिंदर वालिया ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी को बल्ह नेरचौक से सरकाघाट स्थानांतरित करने की घोषणा का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने इस फैसले को मंडी जिले की जनता को आपस में लड़ाने वाला कदम बताया और सरकार से तुरंत इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है।
वालिया ने रविवार काे कहा कि नेरचौक मेडिकल कॉलेज मंडी की जनता को लंबे संघर्ष के बाद मिला था। पूर्व में धूमल सरकार मंडी में निजी मेडिकल कॉलेज खोलना चाहती थी और मंडी अस्पताल को भी निजी हाथों में सौंपने जा रही थी। तब जन आंदोलन के दबाव में आकर सरकार को पीछे हटना पड़ा और अंततः ईएसआईसी की मदद से नेरचौक में मेडिकल कॉलेज की घोषणा करनी पड़ी।
उन्होंने बताया कि भवन तैयार होने के बाद 2016 में ईएसआईसी ने इससे हाथ खींच लिए, जिसके बाद प्रदेश सरकार को इसे अपने खर्चे पर चलाना पड़ा। इसके बाद 2019 में अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई ताकि प्रदेश के सभी मेडिकल संस्थानों को एक ही छत के नीचे बेहतर तरीके से संचालित किया जा सके।
किसान सभा ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री द्वारा यूनिवर्सिटी को कभी बल्ह ढांगू-लुनापनी, फिर सुंदरनगर बलग और अब सरकाघाट ले जाने की घोषणाएं केवल राजनीतिक लाभ के लिए की जा रही हैं। यह कदम न सिर्फ भेदभाव को जन्म देगा बल्कि मंडी जिले के भीतर ही लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने का प्रयास है।
जोगिंदर वालिया ने कहा कि बीते सात वर्षों में न तो पूर्ववर्ती जयराम सरकार और न ही वर्तमान सुक्खू सरकार ने इस यूनिवर्सिटी को पूरी तरह अस्तित्व में ला पाया है। ऐसे में दो-ढाई साल के कार्यकाल में इसका स्थानांतरण और संचालन दोनों ही असंभव प्रतीत होते हैं।
किसान सभा ने स्पष्ट किया है कि वे सरकाघाट के विकास के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकाघाट में एयरपोर्ट, स्पोर्ट्स कॉलेज या नर्सिंग संस्थान जैसे किसी नए बड़े प्रोजेक्ट की स्थापना की जाए, जबकि अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी नेरचौक में ही स्थित रहे।
सभा ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने इस निर्णय को वापस नहीं लिया, तो वह अन्य जनसंगठनों के साथ मिलकर बड़ा जन आंदोलन शुरू करने को बाध्य होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा