आर्य समाज ईश्वर को मानता है निराकार व न्यायाधीश : राजवीर शास्त्री
मुजफ्फरनगर के शुक्रताल से पधारे राजवीर शास्त्री ने कराया मानव कर्तव्यों का बोध
आर्य समाज रेलवे हरथला कॉलोनी में मुजफ्फरनगर के शुक्रताल से आए राजवीर शास्त्री लोगों को संबोधित करते हुए।


मुरादाबाद, 17 अगस्त (हि.स.)। आर्य समाज रेलवे हरथला कॉलोनी मुरादाबाद के नगर वेद प्रचार सप्ताह के अंतिम दिवस की अंतिम बेला का शुभारंभ यज्ञ के माध्यम से इग्नू हॉल हिंदू कॉलेज में किया गया।

मुजफ्फरनगर के शुक्रताल से पधारे राजवीर शास्त्री ने मानव कर्तव्यों का बोध कराते हुए अपने देश समाज परिवार के प्रति कर्तव्यों का बोध कराया। उन्होंने बताया कि आर्य समाज ईश्वर को निराकार व न्यायाधीश मानता है। आर्य समाज में योग्यता को मान्यता दी जाती है जाति विशेष को नहीं ।

यज्ञ में यजमान के रूप में प्राचार्य हिन्दू कॉलेज प्रो. एसएस रावत सपत्नीक उपस्थित रहे। इस अवसर पर इग्नू के समन्वयक प्रो. एके सिंह भी सपत्नीक मौजूद रहे। यज्ञ के ब्रह्मा के रूप में आचार्य मोक्षानंद सरस्वती उपस्थित रहे। आचार्य मोक्षानंद का उद्बोधन बहुत ही प्रेरणादायक रहा। उन्होंने बताया कि आज के युग में हर कार्य पूरे मनोयोग के साथ करोगे तभी वह कार्य सफल होगा। वेद की महिमा का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि हमारे देश में विज्ञान के आधार पर बहुत से नए-नए आविष्कार हो रहे हैं, यह भी वेद की ही देन है।

हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल