मंडी, 13 अगस्त (हि.स.)। ऐतिहासिक नगरी पांगणा-सुुकेत में श्रीमद्भागवत कथा सुनाते हुए पंडित शशांक ने कहा कि संगीत सनातन, शाश्वत, सुंदर और सत्य है। संगीतमय भागवत की साधना बड़ी कठोर है। यह एक तपस्या है। संगीत की परंपरा सभ्यता के आदिकाल से रही है। उपनिषद
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