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पटना, 12 अगस्त (हि.स.)। जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने मंगलवार को बयान जारी कर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर जमकर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल की असली पहचान अपराधियों को संरक्षण देना और सत्ता प्राप्ति के लिए उनका इस्तेमाल करना रहा है। ऐसे में तेजस्वी यादव को अपराध पर नसीहत देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अपराध के मुद्दे पर घड़ियाली आँसू बहाने से पहले तेजस्वी यादव को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व में बिहार में कानून का राज कायम है। यदि कहीं कोई आपराधिक घटनाएँ होती हैं तो तय समय सीमा के भीतर उनका उद्भेदन किया जाता है और अपराधियों पर कानूनी शिकंजा कसा जाता है। बीते 20 वर्षों के शासन में नीतीश कुमार ने अपराध के प्रति जीरो टाॅलरेंस की नीति को अपनी प्राथमिकताओं में रखा है। इसके विपरीत, लालू-राबड़ी शासन के दौरान तो कई मामलों में मुकदमे तक दर्ज नहीं होते थे, क्योंकि अपराधियों को सत्ता का खुला संरक्षण प्राप्त था।
उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि विपक्ष पूरी तरह मुद्दाविहीन हो चुका है, इसलिए अब वह अनर्गल आरोपों के सहारे सरकार को बदनाम करने और जनता को बरगलाने में लगा है लेकिन विपक्ष की इस नकारात्मक राजनीति का पटाक्षेप हो चुका है, क्योंकि जनता उनकी मंशा को भली-भांति समझ चुकी है ।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य की जनता लालू-राबड़ी के जंगलराज के उस काले अतीत को कभी नहीं भूल सकती, जब कानून को ठेंगा दिखाकर सत्ता-संपोषित अपराधी दिनदहाड़े हत्या, लूट, अपहरण और डकैती जैसी वारदातों को अंजाम देते थे। पंद्रह वर्षों का वह भयावह दौर आज भी बिहार के माथे पर कलंक की तरह अंकित है, जिसका एकमात्र जिम्मेदार लालू परिवार है।
उन्होंने कहा कि राजद शासनकाल में अपराधियों के खौफ से बिहार के व्यापारी दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर थे, लेकिन नीतीश सरकार के सुशासन माॅडल का ही परिणाम है कि आज देश-विदेश के निवेशक बिहार में उद्योग-धंधे स्थापित कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें विश्वास है कि ‘‘नीतीश हैं तो निश्चिंत हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / चंदा कुमारी