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कोकराझार (असम), 1 2 अगस्त (हि.स.)। बोडोलैंड विश्वविद्यालय, कोकराझार के झ्वालाओ नीलेश्वर ब्रह्म ऑडिटोरियम में आज “युवा इमर्शन कार्यक्रम 2025” का दूसरा संस्करण आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा विद्यार्थियों को विधायी प्रणाली की कार्यप्रणाली का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करना था। कार्यक्रम में असम विधानसभा (एएलए) के अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
“असम विधानसभा - प्रक्रियाएं और प्रथाएं” विषय पर मुख्य सत्र की अध्यक्षता करते हुए विधानसभा अध्यक्ष दैमारी ने विधायी प्रणाली की कार्यप्रणाली का गहन और प्रेरक विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने सदन के संचालन की प्रक्रिया, अध्यक्ष की भूमिका तथा किस प्रकार विधेयक सदन में प्रस्तुत, विचार-विमर्श, संशोधन और अंततः पारित किए जाते हैं, इसकी चरणबद्ध व्याख्या की। उन्होंने स्पष्ट किया कि विधानसभा की कार्यवाही केवल औपचारिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक गतिशील प्रणाली है, जिसमें सूचित बहस और सहमति निर्माण के माध्यम से राज्य और देश को संचालित करने वाले कानून और नीतियां बनती हैं।
कार्यक्रम के उद्घाटन भाषण में बीटीसी प्रमुख प्रमोद बोडो ने इसे अत्यंत सार्थक पहल बताते हुए कहा कि विद्यार्थी पुस्तकें और चर्चाओं से ज्ञान प्राप्त करते हैं, लेकिन सबसे परिवर्तनकारी सीख प्रत्यक्ष अनुभव और जन-जीवन गढ़ने वालों के साथ जुड़ाव से मिलती है। उन्होंने कहा, “आज का विद्यार्थी कल का नागरिक, प्रशासक या राजनीतिज्ञ है; हमारे समाज की आधारशिला है। राजनीति भविष्य संवार सकती है और स्थानों को बदल सकती है, लेकिन इसके लिए संसदीय प्रक्रियाओं की गहरी समझ आवश्यक है।” उन्होंने युवाओं से राजनीति को गंभीर आह्वान के रूप में लेने का आग्रह करते हुए शिक्षा-प्रधान नीतिनिर्माण, शांति, स्थिरता और युवाओं को सही दिशा देने की आवश्यकता पर बल दिया। बीटीसी प्रमुख ने कोकराझार में यह अनूठा सीखने का अवसर उपलब्ध कराने के लिए विधानसभा अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया।
बीटीसी प्रमुख ने कहा, “यह प्रेरणादायक पहल बीटीआर और असम के युवाओं के लिए हमारे विधायी संस्थानों के द्वार खोलती है, उन्हें प्रतिष्ठित विधायकों से जुड़ने, विधायी प्रक्रिया को समझने और नेतृत्व का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का अवसर देती है, ताकि वे हमारे राज्य का एक बेहतर और उज्ज्वल भविष्य गढ़ सकें।”
कार्यक्रम में कई गणमान्य नेता एवं विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें बीटीसी के उप मुख्य कार्यकारी सदस्य गोबिंदा बसुमतारी, बीटीसी विधानसभा अध्यक्ष काती राम बोडो, असम विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. नोमल मोमिन, कोकराझार के सांसद जयंता बसुमातारी, कोकराझार विधायक लॉरेन्स इस्लारी, बोडोलैंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) बीएल आहुजा और कोकराझार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गणेश चंद्र वारि आदि शामिल थे।
दिनभर के कार्यक्रम में संवादात्मक सत्र, विधायी प्रक्रियाओं पर विस्तृत प्रस्तुतियां और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल रहे। छात्र लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की गहन समझ और नागरिक उत्तरदायित्व की नई भावना के साथ लौटे।
हिन्दुस्थान समाचार / किशोर मिश्रा