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रुद्रप्रयाग, 12 अगस्त (हि.स.)। राजकीय महाविद्यालय रुद्रप्रयाग में नई शिक्षा नीति के तहत छात्र-छात्राओं को स्वरोजगार से जुड़े पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी दी गई। इस मौके पर कौशल पाठ्यक्रम की नोडल अधिकारी डा. पूजारानी ने कहा कि बीते दो दशक में शिक्षा के क्षेत्र में कई परिवर्तन हुये हैं। अब, शिक्षा सिर्फ उपाधि हासिल करने तक सीमित नहीं है।
यही नहीं, इंजीनियर, डॉक्टर्स, सीविल सर्विस सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ छात्र-छात्रायें छह माह से एक वर्ष के कई व्यवसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेकर स्वरोजगार को अपना सकते हैं। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रीबदरीनाथ, श्रीकेदारनाथ व गंगोत्री व यमुनोत्री यात्रा में युवा, लघु स्तर पर टूरिस्ट गाइड के रूप में भी काम कर अपनी आमदानी बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में भारत सरकार जूनियर स्तर से ही छात्र-छात्राओं को व्यवसायिक गतिविधियों से जोडऩे के लिए पाठ्यक्रम तैयार कर रही है। ड्राइंग, पेटिंग, होटल, टूरिस्ट गाइड, कॉपरपेंटर सहित कई ऐसे कार्य हैं, जो छोटे स्तर पर शुरू कर उनसे अच्छी कमाई की जा सकती है। उन्होंने कहा कि स्नातक स्तर पर भी टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इस मौके पर प्राध्यापक डा. मकान प्रकाश विश्वकर्मा ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नई शिक्षा-नीति के तहत डिजिटल, आईटी और जीवन कौशल पाठ्यक्रम महाविद्यालय स्तर पर शुरू किये गये हैं। यह पाठयक्रम इंफोसिस स्प्रिंगबोर्ड, वाधवानी फाउंडेशन और नैसकॉम फ्यूचर स्किल पर आधारित हैं। इन पाठ्यक्रमों के जरिये लघु व दीर्घ स्तर पर छात्र-छात्राओं को व्यवसायिक गतिविधियों की जानकारी देकर उन्हें प्रेरित करना है।
हिन्दुस्थान समाचार / दीप्ति