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शिमला, 12 अगस्त (हि.स.)। पूर्व उद्योग मंत्री व जसवां-परागपुर से भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर ने पेखुबेला सोलर प्रोजेक्ट को लेकर कांग्रेस सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने इसे प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा सौर घोटाला करार देते हुए आरोप लगाया कि जनता के टैक्स के 240 करोड़ रुपये पानी में बहा दिए गए और सरकार मूकदर्शक बनी रही।
बिक्रम ठाकुर ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि 100 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाले इस प्रोजेक्ट पर 240 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने के बावजूद नतीजा शून्य रहा। 2 अगस्त 2025 की बारिश के बाद यह प्रोजेक्ट ठप हो गया और अब पानी निकालने के लिए डीजल जनरेटर का सहारा लेना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि घटिया डिज़ाइन के चलते तूफानी पानी निकासी का मूलभूत प्रावधान तक नहीं था और ड्रेनेज पास के IOCL के पुराने नाले पर निर्भर था। 32 मेगावाट की क्षमता वाला यह प्रोजेक्ट मात्र 12–14 मेगावाट बिजली ही दे रहा था।
पूर्व मंत्री ने कहा कि ठेकेदार के पैसे बचाने के लिए प्रोजेक्ट को जीरो लेवल से नीचे 350.50 मीटर पर बनाया गया, जबकि इसे 356 मीटर पर होना चाहिए था। इससे बारिश में कंट्रोल रूम डूब गया और 10 इनवर्टर खराब हो गए। ईपीसी कॉन्ट्रैक्टर M/s Prozeal 14 जून 2025 को 8 साल का अनुबंध बीच में छोड़कर भाग गया, लेकिन सरकार ने कार्रवाई नहीं की। कंपनी को 99% भुगतान पहले ही कर दिया गया और बैंक गारंटी भी नहीं ली गई, जो मिलीभगत का सबूत है।
उन्होंने कहा कि बिजली खरीद में भी भ्रष्टाचार हुआ। एसजेवीएन ने 2.57 रुपये प्रति यूनिट की दर से 210 मेगावाट बिजली देने का प्रस्ताव दिया, लेकिन इसे रोका गया, जिससे प्रदेश को 500–600 करोड़ का नुकसान हुआ। पेखुबेला से 3.59 रुपये प्रति यूनिट की दर तय की गई, जिसे बाद में 2.90 रुपये करने का प्रस्ताव आया।
बिक्रम ठाकुर ने आरोप लगाया कि दोषी अधिकारियों को मलाईदार पद दिए जा रहे हैं और आरोपियों की ज़मानत रोकने के लिए भी सरकार ने प्रयास नहीं किया। उन्होंने मांग की कि इस मामले की हाई-लेवल जांच कर दोषियों पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाए, अन्यथा भाजपा इसे जन-जन तक पहुंचाएगी और सरकार को जवाब देना होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा