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नई दिल्ली, 12 अगस्त (हि.स)। महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को बड़ी राहत मिली है। खुदरा महंगाई दर जुलाई महीने में घटकर आठ साल के निचले स्तर 1.55 फीसदी पर आ गई है, जो इससे पिछले महीने जून में 2.1 फीसदी रही थी। जनवरी 2019 के बाद यह पहली बार है, जब खुदरा महंगाई दर 2 फीसदी से नीचे आई है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई दर जुलाई महीने में घटकर आठ साल के निचले स्तर 1.55 फीसदी रही है। यह 97 महीने का निचला स्तर है। इससे पहले जून 2017 में खुदरा महंगाई दर 1.54 फीसदी रही थी। जून 2025 में खुदरा महंगाई दर 2.10 फीसदी रही थी। इसी तरह मई 2025 में 2.82 फीसदी और अप्रैल 2025 में यह 3.16 फीसदी पर थी।
आंकड़ों के मुताबिक खाने-पीने के सामान की कीमतों में लगातार नरमी के कारण खुदरा महंगाई दर में गिरावट आई है। खाद्य महंगाई दूसरी बार निगेटिव रही, जुलाई में यह -1.8 फीसदी रही, जबकि जून महीने में यह -1.1 फीसदी रही थी। ग्रामीण इलाकों में खुदरा महंगाई जुलाई में 1.18 फीसदी रही है, जून में यह 1.72 फीसदी रही थी। वहीं, शहरी इलाकों में यह 2.56 फीसदी से घटकर 2.05 फीसदी पर आ गई है।
खुदरा महंगाई दर फरवरी से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के लक्ष्य 4 फीसदी से नीचे है। रिजर्व बैंक ने हाल ही में मौद्रिक समीक्षा में पूरे वित्त वर्ष की महंगाई का अनुमान घटाकर 3.1 फीसदी कर दिया है, जो पहले 3.7 फीसदी था। आरबीआई को उम्मीद है कि दूसरी तिमाही में औसत महंगाई 2.1 फीसदी रहेगी, जबकि तीसरी तिमाही में 3.1 फीसदी और चौथी तिमाही में यह 4.4 फीसदी रहेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर