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हरिद्वार, 12 अगस्त (हि.स.)। आईआईटी, रुड़की ने आईआईआईटीबी कॉमेट फाउंडेशन, आईआईआईटी बैंगलोर और मेंटिसवेव नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस समझौते के तहत एक खास रीकॉन्फिगरेबल इंटेलिजेंट सरफेस (आरआईएस) तकनीक का लाइसेंस दिया जाएगा जो वायरलेस संचार और रडार सिस्टम में नए शोध को बाजार तक पहुंचाने की दिशा में बड़ी उपलब्धि है।
आईआईटी रुड़की के प्रो. एकांत शर्मा और आईआईआईटी बैंगलोर के प्रो. प्रेम सिंह के नेतृत्व में बनी शोध टीम ने इस नई तकनीक को तैयार किया है। इस आरआईएस डिज़ाइन में कई यूनिट सेल्स हैं, जिनमें अलग-अलग परतें और उन्नत आरएफ सर्किट हैं। यह तकनीक विद्युत चुम्बकीय संकेतों को तुरंत बदलने में सक्षम है, जिससे 6G नेटवर्क, स्मार्ट सेंसिंग सिस्टम और नए वायरलेस ढांचे में बड़े बदलाव हो सकते हैं।
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने कहा हम चाहते हैं कि हमारा शोध समाज और उद्योग तक पहुंचे। मेंटिसवेव नेटवर्क्स के साथ यह साझेदारी दिखाती है कि शिक्षा और उद्योग मिलकर भारत की तकनीकों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे ला सकते हैं। मुख्य आविष्कारक डॉ. एकांत शर्मा ने कहा यह तकनीक संचार और स्मार्ट सेंसिंग के क्षेत्र में क्रांति ला सकती है। हमें खुशी है कि हम आईआईटी रुड़की, आईआईआईटी बैंगलोर, कॉमेट फाउंडेशन और मेंटिसवेव नेटवर्क्स के साथ इस तकनीक को बाजार में ले जाने में सहयोग कर रहे है। यह उपलब्धि भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत और डिजिटल इंडिया के लक्ष्य से जुड़ी है, जिसमें देश में ही महत्वपूर्ण तकनीकों का विकास और मजबूत स्वदेशी नवाचार पर जोर है।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला