सरकारी कर्मचारी विधेयक में छेड़छाड़ का आरोप, संसदीय समिति के अध्यक्ष का इस्तीफा
काठमांडू, 12 अगस्त (हि.स.)। नेपाल सरकार की तरफ से देश के सरकारी कर्मचारियों के बारे में लाए जा रहे विधेयक में गड़बड़ी करने के आरोप में संसद की राज्य व्यवस्था समिति के अध्यक्ष रामहरि खतिवडा को आज अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। नेपाली कांग्रेस के सांस
संसद की राज्य व्यवस्था समिति के अध्यक्ष रामहरि खतिवडा


काठमांडू, 12 अगस्त (हि.स.)। नेपाल सरकार की तरफ से देश के सरकारी कर्मचारियों के बारे में लाए जा रहे विधेयक में गड़बड़ी करने के आरोप में संसद की राज्य व्यवस्था समिति के अध्यक्ष रामहरि खतिवडा को आज अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

नेपाली कांग्रेस के सांसद खतिवडा ने विधेयक में हुई गड़बड़ी की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए आज प्रतिनिधि सभा में संसदीय समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। हालांकि, उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार समिति के सचिव, सरकार के मुख्य सचिव और संसद के महासचिव को प्रमुख दोषी बताया। खतिवडा का तर्क है कि विधेयक को लिखने की जिम्मेदारी उनकी नहीं है, लेकिन इन तीनों सरकारी अधिकारियों पर विश्वास करके उन्होंने हस्ताक्षर किये, जिसके कारण उनकी ही नैतिक जिम्मेदारी बनती है।

दरअसल, नेपाल के सत्तारूढ़ गठबंधन में इस बात पर सहमति हुई थी कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को उनके अनिवार्य अवकाश या समय से पूर्व इस्तीफा देने के बाद तत्काल उन्हें कोई भी राजनीतिक या संवैधानिक नियुक्ति नहीं दी जाए। इसके लिए दो साल का कूलिंग पीरियड रखने पर सभी दलों ने स्वीकृति दी। इसी तहत संसद की राज्य व्यवस्था संसदीय समिति में विधेयक ड्राफ्ट किया गया और प्रतिनिधि सभा से पारित भी कर दिया गया। जब यह विधेयक राष्ट्रीय सभा में भेजा गया तो इसकी गड़बड़ी सामने आई। इस विधेयक में चुपके से एक प्रावधान जोड़ते हुए सरकार के मुख्य सचिव, सचिवों तथा संयुक्त सचिवों को इस प्रावधान से अलग रखने की बात जोड़ दी गई थी।

प्रतिनिधि सभा के सांसदों ने बिना पढ़े ही इस विधेयक को पास कर दिया था। यह मामला उजागर होने के बाद स्पीकर ने एक सर्वदलीय जांच कमेटी बिठाई, जिसमें संसद के राज्य व्यवस्था समिति के अध्यक्ष रामहरि खतिवडा को इसके लिए दोषी पाया गया। साथ ही सरकार के मुख्य सचिव, संसद के महासचिव तथा संसदीय समिति के सचिव की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए गए।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास