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धर्मशाला, 12 अगस्त (हि.स.)। कांगड़ा जिला प्रशासन ने जिले में विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के तहत मंजूरी के मामलों में सभी बाधाओं को दूर करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने विकास परियोजनाओं में वन स्वीकृति मामलों का तुरंत निपटारा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने विकास परियोजनाओं को गति देने के मकसद से सभी विभागों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने के लिए गठित जिला स्तरीय समन्वय समिति की वीरवार को धर्मशाला में बैठक ली। बैठक में कांगड़ा जिले में विकास परियोजनाओं से जुड़े एफसीए मामले तथा अन्य विभागीय मंजूरी से संबंधित मामलों की वस्तुस्थिति और प्रगति को लेकर विस्तार से विचार विमर्श किया गया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविदर सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार गठित इस समिति का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि विकास परियोजनाओं को गति देने को लेकर वन स्वीकृति से संबंधित मामलों में विभागों में अच्छा तालमेल हो। वहीं अंतर विभागीय अनापत्ति प्रमाण पत्रों (एनओसी) को लेकर भी बेहतर समन्वय रहे। यह कदम विकास परियोजनाओं के तेजी से कार्यान्वयन में मदद करेगा और अंततः जिले के समग्र विकास में योगदान देगा।
विभागवार लिया विकास परियोजनाओं की प्रगति का ब्योरा:
बैठक में उपायुक्त ने विकास परियोजनाओं को लेकर एफसीए के मंजूरी के मामलों में प्रगति की विभागवार रिपोर्ट ली। उन्होंने अधिकारियों से जाना कि मामलों में क्लीयरेंस की स्थिति क्या है, लंबित होने के क्या कारण हैं, क्या क्या आपत्तियां लगी हैं और उनके निराकरण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। उन्होंने वन मंजूरी से जुड़े मामलों में लगी आपत्तियों के निदान को लेकर जरूरी मार्गदर्शन किया।
उपायुक्त ने कहा कि हमारा फोकस है कि सभी विभाग एफसीए के मामले तैयार करने की सही प्रक्रिया समझें। कई दफा विभागों को एफसीए से संबंधित वन मंजूरी के मामले बनाने में प्रक्रियागत जानकारी नहीं होती, और आधे अधूरे तरीके से आवेदन पर मंजूरी मिलने में देरी होती है। इसमें सुधार की गुंजाइश है।
इससे पहले डीएफओ मुख्यालय राहुल कुमार ने एफसीए से संबंधित मामलों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। बैठक में लोक निर्माण, जल शक्ति, शिक्षा, पुलिस, उद्योग सहित विभिन्न विभागों के आला अधिकारी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया