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सिरसा, 12 अगस्त (हि.स.)। चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा में मंगलवार को डॉ. एसआर रंगनाथन की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर कुलपति प्रो. विजय कुमार ने कहा कि पुस्तकालय केवल किताबों का भंडार नहीं, बल्कि विचारों, सृजनशीलता और नवाचार का केंद्र है। उन्होंने कहा कि यह ज्ञान के लोकतंत्रीकरण का सशक्त माध्यम है, जहां हर विद्यार्थी समान अवसर के साथ सीख सकता है।
डिजिटल युग में पुस्तकालय की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि यह न केवल छपे हुए शब्द बल्कि वैश्विक स्तर के ई-संसाधन भी उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि विवेकानंद पुस्तकालय को देश के अग्रणी विश्वविद्यालय पुस्तकालयों की श्रेणी में लाना हमारा संकल्प है, और इस दिशा में सुविधाओं एवं संसाधनों का लगातार विस्तार किया जा रहा है। राष्ट्रीय पुस्तकालय दिवस के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण भी किया गया।
विवेकानंद पुस्तकालय की पुस्तकालय अध्यक्ष प्रो. मोनिका वर्मा द्वारा रंगनाथन के चित्र पर पुष्प अर्पित किए व दीप प्रज्वलित कर नमन किया। प्रो. मोनिका ने कहा कि विद्यार्थी के जीवन में पुस्तकालय की एक अहम भूमिका होती है। विद्यार्थी के ज्ञान कोष में वृद्धि करने का केवल मात्र एक जरिया है, उसे पुस्तकालय कहा जाता है। उन्होंने बताया कि विवेकानंद पुस्तकालय हरियाणा की सबसे हाईटेक पुस्तकालय में से एक है। इसमें निरंतर ई संसाधनों के माध्यम से विद्यार्थियों के पढ़ाई का जरिया आसान बनाया जा रहा है। पुस्तकालय अध्यक्ष ने कहा कि पुस्तकालय को हाईटेक बनाने व इसे प्रगति के पथ पर ले जाने का श्रेय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय कुमार को जाता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma