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कोलकाता, 12 अगस्त (हि.स.)। मुख्य सचिव मनोज पंत की अध्यक्षता में मंगलवार काे ‘हमारा पड़ोस, हमारा समाधान’ परियोजना पर जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों और एसपी के साथ हो रही वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अचानक शामिल हुईं। बैठक में उन्होंने साफ कहा कि राज्य में हो रही एक के बाद एक हत्याएं गंभीर चिंता का विषय हैं और इन्हें रोकने के लिए सभी स्तर पर सख़्त कदम उठाए जाने चाहिए।
पिछले दो माह में तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं और पार्टी से जुड़े लोगों की हत्या के मामलों ने पश्चिम बंगाल की सियासत में हलचल मचा दी है। बांकुड़ा के सोनामुखी में सिकंदर खां, कुचबिहार में संजीव राय और कोन्नगर में पिंटू चक्रवर्ती की हत्या के बाद मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने पुलिस आयुक्तों (सीपी) और जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को साफ चेतावनी दी कि कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी केवल थानों के आईसी और ओसी पर छोड़कर वे खुद बच नहीं सकते, वरिष्ठ अधिकारियों को भी इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी।
ममता बनर्जी ने प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर भी अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए। आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में बंगाल के मजदूरों को ‘बांग्लादेशी’ कहकर अपमानित किया जा रहा है। पिछले तीन सप्ताह में कई मजदूर अन्य राज्यों से लौटे हैं। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि इन मजदूरों को उनके बच्चों के स्कूल में दाखिले से लेकर राज्य की ‘स्वास्थ्य साथी’ और ‘कृषक बंधु’ जैसी योजनाओं का लाभ तुरंत दिलाया जाए। साथ ही इन्हें ‘कर्मश्री’ योजना के दायरे में लाया जाए।
इस परियोजना के तहत हर बूथ के लिए ₹10 लाख का प्रावधान किया गया है, ताकि आम लोगों की समस्याओं का समाधान उनके नजदीक ही हो सके। ममता बनर्जी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जहां-जहां आम जनता के लिए सुविधाजनक हो, वहीं पर कैंप लगाए जाएं और इसकी जानकारी पहले से लोगों को दी जाए, ताकि वे योजनाओं का लाभ लेने पहुंच सकें। उन्होंने जाेर देकर कहा कि वरिष्ठ अधिकारी खुद जिम्मेदारी लें और सभी समस्याओं का जल्द समाधान सुनिश्चित करें। --------------------
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर