बाढ़ के कारण टापू बना भागलपुर का टीएमबीयू, राष्ट्रपति के संभावित दौरे से बढ़ी प्रशासन की चिंता
भागलपुर, 12 अगस्त (हि.स.)। बिहार के कई जिले इन दिनों बाढ़ की चपेट में हैं। बक्सर से लेकर भागलपुर तक गंगा के निचले इलाकों में बाढ़ का कहर जारी है। भागलपुर का तिलकामांझी विश्वविद्यालय भी इस समय पानी से चारों तरफ से घिरकर टापू में तब्दील हो गया है। बा
विश्वविद्यालय में चलता हुआ नाव


भागलपुर, 12 अगस्त (हि.स.)। बिहार के कई जिले इन दिनों बाढ़ की चपेट में हैं। बक्सर से लेकर भागलपुर तक गंगा के निचले इलाकों में बाढ़ का कहर जारी है।

भागलपुर का तिलकामांझी विश्वविद्यालय भी इस समय पानी से चारों तरफ से घिरकर टापू में तब्दील हो गया है। बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने पठन-पाठन का कार्य फिलहाल रोक दिया है। हालांकि कार्यालय का कामकाज जारी है। हालात ऐसे हैं कि छात्र, शिक्षक और शिक्षिकाएं नाव के सहारे आ-जा रहे हैं। इसी बीच विश्वविद्यालय में तिलकामांझी की मूर्ति का अनावरण करने के लिए राष्ट्रपति का भागलपुर दौरा संभावित है। ऐसे में बाढ़ की इस विकट परिस्थिति में कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित करना विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।

कुलसचिव डॉ रामाशीष पूर्वे ने बताया की अधिकारियों, कर्मचारियों और छात्रों के विश्वविद्यालय आने जाने के लिए टीएमबीयू प्रशासन के द्वारा अधिकृत रूप से केवल दो नावों की ही व्यवस्था की गई है। इन नावों पर विश्वविद्यालय नाव का पोस्टर भी लगाया गया है। विभिन्न सूत्रों से जानकारी मिल रही है की विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गए इन दो नावों के अलावे बाहर के भी कई नावों का संचालन अनाधिकृत रूप से विश्वविद्यालय परिसर में किया जा रहा है। लोग इन नावों से विश्वविद्यालय और उसके पीछे गंगा नदी इलाके में प्रतिदिन घूमते नजर आ रहे हैं। जो गलत है।

रजिस्ट्रार ने बताया की अनाधिकृत रूप से चलने वाले नाव से किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर इसकी जिम्मेवारी विश्वविद्यालय प्रशासन की नहीं होगी। रजिस्ट्रार ने अपील किया है कि बिना काम के कोई भी व्यक्ति वेबजह विश्वविद्यालय परिसर में नौकायान नहीं करें।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर