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अशोकनगर, 12 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिला मुख्यालय पर बहु प्रतीक्षित केन्द्रीय विद्यालय के स्थापना के पांच दिनों बाद ही कलेक्टर द्वारा विद्यालय के प्राचार्य को नोटिस देना चर्चा का विषय बना गया है। कलेक्टर आदित्य सिंह ने केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य यशोधन वाजे को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जानकारी के अनुसार बीते 8 अगस्त को केंद्रीय विद्यालय का कलेक्टर ने औचक निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण दौरान विद्यालय में काफी अनियमिततायें पाई गई तथा विद्यालय के मुख्य द्वार पर सुरक्षा गार्ड तैनात न होना, विद्यालय में छात्र-छात्राओं को बैठने की उचित व्यवस्था न होना, विद्यालय में लाइब्रेरी स्थापित न होने, विद्यालय में शिक्षकों एवं बच्चों की उपस्थिति भी शत प्रतिशत नहीं पायी गई एवं शिक्षकों की उपस्थिति पंजी का संधारण भी नहीं किया गया। शासन द्वारा विद्यालय को प्रदाय राशि का विद्यालय में उपयोग नहीं किया गया है। कलेक्टर आदित्य सिंह द्वारा उक्त कृत्य शासकीय सेवा के प्रति स्वेच्छाचारिता एवं गंभीर लापरवाहीपूर्ण होकर शासन एवं वरिष्ठ के आदेशों का स्पष्ट उल्लंघन माना गया, जो कि मध्यप्रदेश शिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 3 कदाचरण की श्रेणी में आता है, जो दंडनीय माना गया।
वहीं कलेक्टर आदित्य सिंह द्वारा प्राचार्य को दिए गए नोटिस पर सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.योगेश मिश्रा ने कटाक्ष कर कहा है कि नवीन खुले केन्द्रीय विद्यालय में समस्त व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी प्रारंभिक तौर पर राज्य सरकार की होती है, जिसका उत्तरदायित्व कलेक्टर का होता है। जल्दबाजी में कलेक्टर का नोटिस नियम विरुद्ध है। वहीं केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य यशोधन वाजे का कहना कि विद्यालय के प्रबंधन समिति के अध्यक्ष कलेक्टर हैं, जो उनके द्वारा नोटिस दिया गया है, कमियां पूरी की जाएंगी और जवाब दिया जायेगा।
दरअसल यहां केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना हुए एक सप्ताह भी नहीं हुआ और जिस विद्यालय के प्रबंध समिति के अध्यक्ष स्वयं कलेक्टर हैं, उनके द्वारा जल्दबाजी में नोटिस देना चर्चा का विषय है।
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हिन्दुस्थान समाचार / देवेन्द्र ताम्रकार