अभाविप नीत दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ ने 'छात्रसंघ पदाधिकारी सम्मान समारोह' का किया आयोजन
नई दिल्ली, 12 अगस्त (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) नीत दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ ने मंगलवार को ''छात्रसंघ पदाधिकारी सम्मान समारोह'' का आयोजन किया। यह समारोह छात्रसंघ के कार्यकाल के समापन पर उन पदाधिकारियों के सम्मान में आयोजित
अभाविप ‘छात्रसंघ पदाधिकारी सम्मान समारोह’ में विधानसभा अध्यक्ष भी मौजूद रहें।


नई दिल्ली, 12 अगस्त (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) नीत दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ ने मंगलवार को 'छात्रसंघ पदाधिकारी सम्मान समारोह' का आयोजन किया। यह समारोह छात्रसंघ के कार्यकाल के समापन पर उन पदाधिकारियों के सम्मान में आयोजित किया गया जिन्होंने पूरे वर्ष छात्रों के हित में सक्रिय भूमिका निभाई।

इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों के छात्रसंघ पदाधिकारियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता, मुख्य वक्ता के रूप में अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान तथा विशेष अतिथियों के रूप में अभाविप की राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खरवाल, दिल्ली प्रदेश मंत्री सार्थक शर्मा व दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के उपाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह और सचिव मित्रविंदा कर्नवाल उपस्थित रहे।

इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि अभाविप ने वर्षभर विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए जो अथक प्रयास किया वह आने वाले समय में भी निरंतर जारी रहना चाहिए।

अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने कहा कि एक तरफ जहां दिल्ली विश्वविद्यालय में दीक्षारंभ समारोह हो रहा है दूसरी ओर अभाविप विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए वर्षभर कार्य करने वाले छात्रसंघ पदाधिकारियों को सम्मानित करने का उत्सव मना रहे हैं। ये विद्यार्थी परिषद की तपस्या और मेहनत का परिणाम है कि यहां के कार्यकर्ता केवल रील और सोशल मीडिया पर ही नहीं बल्कि जमीन पर रहकर कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से महाविद्यालय परिसरों के अंदर छात्रहित में कार्य करते है उसी प्रकार से देश के हित के लिए भी कार्य करना चाहिए।

छात्रसंघ के उपाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष हमने अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए छात्रों के बीच रहकर उनकी आवाज को बुलंद किया है। प्रवेश, परीक्षा, पाठ्यक्रम, परिसर की सुविधाओं और परिणाम से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए 365 दिन विद्यार्थियों के साथ खड़े रहे। अभाविप ने केवल ‘रील एक्टिविज्म’ नहीं किया बल्कि हर समस्या के निराकरण के लिए जमीन पर रहकर संघर्ष किया। उन्होंन कहा कि अभाविप छात्रहित और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखकर कार्य करेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी