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इटानगर, 11 अगस्त (हि.स.)। अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के
अध्यक्ष बोसीराम सिरम द्वारा भाजपा नीत राज्य सरकार पर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता मुचू मिली ने आज कहा कि आरोप केवल
राजनीतिक एजेंडे हैं और वास्तविकता को जाने बिना ही लगाए गए हैं।
प्रदेश भाजपा मुख्यालय में सोमवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एपीसीसी अध्यक्ष
सिरम के हालिया आरोपों का जवाब देते हुए मिथी ने कहा कि मुख्य रूप से तीन आरोप हैं -
सियांग अपर बहुउद्देशीय परियोजना (एसयूएमपी), अरुणाचल प्रदेश
धर्म स्वतंत्रता (एएफआरए) अधिनियम, 1978 और अनुच्छेद 371 (एच) और यह मामला कांग्रेस सरकार के दौरान उठाया गया था।
सियांग अपर बहुउद्देशीय परियोजना (एसयूएमपी) को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में
वर्ष 2008 में मंजूरी दी गई थी, जब राज्य में
कांग्रेस की सरकार थी और जब केंद्र और राज्य दोनों में कांग्रेस के शासन के दौरान 1986 में अनुच्छेद 371 (एच) संशोधन किया गया था और लगभग 30 वर्षों से कांग्रेस सरकार अरुणाचल पर शासन कर रही थी, लेकिन उन्होंने अरुणाचल प्रदेश स्वतंत्रता अधिनियम (एएफआरए) अधिनियम, 1978 पर कभी कुछ नहीं बोला, लेकिन आज एपीसीसी भाजपा सरकार पर आरोप लगा रही है, यह कांग्रेस पार्टी सत्ता खोने के बाद हताशा में ऐसा कर रही है।
सियांग अपर बहुउद्देशीय परियोजना (एसयूएमपी) के बारे में विस्तार से बताते हुए, मिथी ने कहा कि सियांग नदी आदि समुदाय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसलिए सियांग नदी भाजपा पार्टी की राजनीति से ज्यादा महत्वपूर्ण है और भाजपा एसयूएमपी
को राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतिक दृष्टिकोण से और राष्ट्रीय परियोजना के रूप में
देखती है।
अरुणाचल प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम, 1978 को रद्द करने के
जवाब में, हम राज्य की भाजपा सरकार उच्च न्यायालय के आदेश का पालन कर
रही है और कांग्रेस पार्टी को पता होना चाहिए कि अधिनियम 1978 स्वदेशी धर्म, संस्कृति और प्रथाओं की रक्षा के लिए है।
अनुच्छेद 371 (एच) को सही करने की मांगों के संबंध में उन्होंने कहा कि राज्य
भाजपा ने वर्ष 2021 में अरुणाचल प्रदेश के लिए अनुच्छेद 371 (एच) में संशोधन की मांग करते हुए राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया था और
राज्य भाजपा अपना काम कर रही है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने पिछले 30 वर्षों के कांग्रेस शासन में क्या किया? उसे बताना चाहिए।
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी को राजनीतिक दृष्टिकोण से
बयान नहीं देना चाहिए, उन्हें अधिनियम 1978 और अनुच्छेद 371 दोनों के उद्देश्य और लक्ष्यों के बारे में सोचना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार / तागू निन्गी