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चंडीगढ़, 11 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में आईटीआई प्रमाणपत्र धारकों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में अब विभिन्न विभागों व संगठनों में रोजगार के उद्देश्य से एक वर्ष या उससे अधिक अवधि के अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण को एक वर्ष के कार्य अनुभव के बराबर माना जाएगा।
सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में कौशल आधारित प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं के व्यावहारिक अनुभव को मान्यता मिल सकेगी। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा सोमवार को इस संबंध में जारी एक पत्र में कहा गया है कि एक वर्ष या उससे अधिक के अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण को उन प्रशिक्षुओं के लिए कार्य अनुभव माना जाएगा, जिनके पास अप्रेंटिसशिप नियम 1992 की अनुसूची-1 के अंतर्गत आईटीआई की योग्यता है और जिनके पास राष्ट्रीय शिक्षुता प्रमाणपत्र है। संबंधित क्षेत्र के सीधी भर्ती के पदों के लिए इसे एक वर्ष का अनुभव माना जाएगा, जहाँ शैक्षणिक योग्यता के अतिरिक्त, किसी पद के लिए पात्रता मानदंड में अनुभव का प्रावधान भी किया गया है।
यह निर्णय निर्देश जारी होने की तिथि से प्रभावी होगा और इससे आईटीआई स्नातकों की रोजगार संभावनाएं मजबूत होंगी। सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, मिशन प्राधिकरणों, विश्वविद्यालयों और अन्य राज्य नियंत्रित संस्थानों को अपने सेवा नियमों और विनियमों में संशोधन करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि एनएसी धारक अभ्यर्थियों को उनके अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण का उचित लाभ मिल सके। यह निर्णय केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के निर्देशों के अनुरूप किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा