Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
हरिद्वार, 11 अगस्त (हि.स.)। रविवार की रात से हो रही बारिश के कारण तीर्थनगरी में जलभराव से लोगों को समस्याओं से दो-चार होना पड़ा। कई स्थानों पर भारी जलभराव के कारण यातायात भी प्रभावित हुआ। कुछ कालोनियों में भी पानी घुस गया। चंद्राचार्य चौक, ज्वालापुर अंडरपास में भी पानी भर गया। भूपतवाला, कनखल, नया हरिद्वार में कुछ घरों में पानी घुस जाने से लोगों का खासा नुकसान हुआ। रातभर चली बारिश से तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। भादों की यह पहली बारिश थी जो पूरी रात चली।
उधर मौसम विभाग ने तात्कालिक अलर्ट में हरिद्वार में बारिश बने रहने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। प्रदेश मौसम विभाग के अनुसार 14 अगस्त तक बारिश बनी रहेगी।
हरिद्वार में पिछले वर्षों का इतिहास देखें तो यहां दो तीन साल के अंतराल में भाद्रपद में सावन से अधिक बारिश होती रही है। वर्ष 2007-08 वर्ष 2012-13 में तो भादों की बारिश ने जनजीवन ही अस्तव्यस्त कर दिया था। 2007 में पहाड़ से इतना पानी आया कि हरकी पैड़ी के निकट नाई सोता नाले की दीवारें टूट गई और बाजार में घुसा पानी दुकानों से सामान बहा ले गया। लाखों रुपए का दुकानदारों का नुकसान हुआ।
2008 में भीमगोड़ा भूपतवाला में पहाड़ी से आई मिट्टी पानी ने तबाही मचाई। 2012-13 में हरिद्वार के मोतीबाजार, बड़ा बाजार में इतनी सिल्ट आई की दुकानदारों को कई दिन दुकानें बंद रखनी पड़ी।
आज भी बारिश ने लोगों की समस्याओं को बढ़ाया। चन्द्राचार्य चौक में जलभराव के कारण कई वाहन पानी में डूब गए। पानी का भराव अधिक होने के कारण यातायात प्रभावित रहा। पया हरिद्वार, गोविन्दपुरी, ज्वालापुर के कई इलाकों में पानी भरने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी।
हरिद्वार में पिछले 24 घंटे में दर्ज की गई इस सीजन की सर्वाधिक 40 एमएम बारिश रही। पिछले 24 घंटे में भगवानपुर में हुई 120 एमएम, रुड़की में 05 एमएम, लक्सर में 16 और रोशनाबाद में 140 एमएम बारिश रिकार्ड की गई।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला