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कोलकाता, 11 अगस्त (हि.स.) ।
बंगाल की खाड़ी में एक बार फिर निम्न दबाव बनने की आशंका है। मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर-पश्चिम और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में बुधवार को नया निम्न दबाव क्षेत्र विकसित हो सकता है। इसके चलते मंगलवार और बुधवार को बंगाल तथा ओडिशा तट के मछुआरों के समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है।
मौसमी अक्ष रेखा इस समय उत्तर बंगाल के ऊपर से गुजर रही है। यह रेखा पंजाब के फरीदकोट और लुधियाना से होते हुए जलपाईगुड़ी तक फैली है और वहां से अरुणाचल प्रदेश तक पहुंच रही है। इसी कारण उत्तर बंगाल में सोमवार और मंगलवार भारी बारिश जारी रहेगी।
दक्षिण बंगाल में सोमवार से बारिश में कमी आएगी। हालांकि, नदिया, उत्तर और दक्षिण 24 परगना तथा पूर्व मिदनापुर में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इन इलाकों में हवा की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है। हवा में नमी की मात्रा अधिक होने से उमस बढ़ेगी। कोलकाता में आर्द्रता 64 से 93 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है।
बुधवार और गुरुवार को दक्षिण बंगाल के तटीय और पश्चिमी जिलों में बारिश की संभावना है। खासतौर पर दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मिदनापुर तथा झाड़ग्राम के कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है और तेज हवाएं चलेंगी। शुक्रवार से बारिश घटेगी, हालांकि शुक्रवार और शनिवार को कुछ जिलों में गरज-चमक के साथ छिटपुट बारिश हो सकती है। आसमान आंशिक रूप से बादलयुक्त रहेगा और उमस बनी रहेगी।
उत्तर बंगाल में सोमवार को भारी बारिश की चेतावनी है। कालीम्पोंग, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार में अति भारी बारिश होगी, जबकि दार्जिलिंग, कोचबिहार और उत्तर दिनाजपुर में भारी बारिश की संभावना है। मंगलवार को बारिश का दायरा बढ़कर बाकी जिलों में भी पहुंचेगा। इस दौरान दार्जिलिंग, कालीम्पोंग, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार में अति भारी बारिश तथा उत्तर दिनाजपुर और कोचबिहार में भारी बारिश का पूर्वानुमान है।
बुधवार और गुरुवार को दार्जिलिंग, कालीम्पोंग, अलीपुरद्वार, कोचबिहार और जलपाईगुड़ी में बिखरी हुई भारी बारिश हो सकती है। शुक्रवार और शनिवार को बारिश में कमी आएगी, लेकिन कुछ इलाकों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
भारी बारिश से तिस्ता, तोर्सा और जलढाका नदियों में जलस्तर बढ़ सकता है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका है। दार्जिलिंग और कालीम्पोंग के पहाड़ी इलाकों तथा सिक्किम में भूस्खलन का खतरा भी बढ़ जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय