मप्रः “पर्यावरण से समन्वय” पर विशेष संगोष्ठी-सह प्रशिक्षण कार्यशाला आज भोपाल में
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव करेंगे कार्यशाला का शुभारंभ भोपाल, 11 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के ध्येय “लोक निर्माण से लोक कल्याण” को साकार करने की दिशा में पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजगता और विभागीय अभियंताओं की तकनीकी दक्षता में वृ
सीएम मोहन यादव (फोइल फोटो)


- मुख्यमंत्री डॉ. यादव करेंगे कार्यशाला का शुभारंभ

भोपाल, 11 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के ध्येय “लोक निर्माण से लोक कल्याण” को साकार करने की दिशा में पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजगता और विभागीय अभियंताओं की तकनीकी दक्षता में वृद्धि के उद्देश्य से “पर्यावरण से समन्वय” विषय पर आज (सोमवार को) एक दिवसीय विशेष संगोष्ठी-सह प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ करेंगे। कार्यशाला में पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के अखिल भारतीय संयोजक गोपाल आर्य, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह और भास्कराचार्य संस्थान के महानिदेशक टीपी सिंह सहित अनेक विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे।

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य विभागीय अभियंताओं को पर्यावरणीय सरोकारों के प्रति और अधिक संवेदनशील एवं जागरूक बनाना है। कार्यशाला में उद्घाटन-सत्र, मुख्य अतिथियों के संबोधन, तकनीकी सत्र और विशेष प्रशिक्षण सत्र का आयोजन होगा। इस अवसर पर पर्यावरण-अनुकूल निर्माण तकनीकों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिसमें नवीनतम और टिकाऊ तकनीकों का प्रदर्शन किया जाएगा। यह ऐतिहासिक आयोजन प्रदेश के लगभग 1500 अभियंताओं को एक मंच पर एकत्र करेगा, जिससे वे हरित और टिकाऊ निर्माण के नए आयामों से परिचित होंगे।

संगोष्ठी में भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष उपयोग एवं भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG-N), गांधीनगर के विशेषज्ञ पीएम गतिशक्ति योजना के अंतर्गत डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) निर्माण और जीआईएस पोर्टल पर सड़कों व पुलों की भौगोलिक मैपिंग पर विशेष प्रशिक्षण देंगे। इस तकनीकी ज्ञान से विभागीय परियोजनाओं की गुणवत्ता, पारदर्शिता और प्रभावशीलता में और वृद्धि होगी। यह कार्यशाला केवल तकनीकी कौशल विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण को विभागीय योजनाओं के केंद्र में लाने का ठोस प्रयास भी है। इससे प्रदेश में हरित, टिकाऊ और जिम्मेदार बुनियादी ढांचे के निर्माण को नई दिशा मिलेगी और “लोक निर्माण से लोक कल्याण” की परिकल्पना को मजबूती मिलेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर