उज्जैनः श्रावण-भादौ मास की पांचवी सवारी पर नहीं आए इंद्र देव भगवान के पैर पखारने.....!
उज्जैन,11 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उज्जैन में सोमवार को जब बाबा महाकाल नगर भ्रमण कर रहे थे, तब शहर से लेकर अंचलों तक के श्रद्धालुओं ने भगवान को अपनी पीड़ा सुनाई और मांग की कि इंद्रदेव को निर्देश दें कि वे अपने अनुचर मेघों को भेजकर चौतरफा बारिश क
चंद्रमौलेश्वर स्वरूप


नंदी पर उमा महेश स्वरूप


गरुड़ पर शिव तांडव


बैल रथ पर होलकरों का मुखारविंद


हाथी पर मन महेश


उज्जैन,11 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उज्जैन में सोमवार को जब बाबा महाकाल नगर भ्रमण कर रहे थे, तब शहर से लेकर अंचलों तक के श्रद्धालुओं ने भगवान को अपनी पीड़ा सुनाई और मांग की कि इंद्रदेव को निर्देश दें कि वे अपने अनुचर मेघों को भेजकर चौतरफा बारिश करवाए। अंचलों तक जहां फसल सूखी जा रही है वहीं शहर में गंभीर बांध पूरी तरह से सूख गया है। अब जलप्रदाय के लाले पड़ गए हैं। पालकी में विराजीत बाबा महाकाल ने मंद-मंद मुस्कुराते अपने भक्तों की पुकार सुनी। यह खास बात रही कि सोमवार को इंद्रदेव भी भगवान के पैर पखारने नहीं आए ?

सोमवार अपरांह कोटि तीर्थ सभा मण्डप में भगवान चंद्रमौलेश्वर स्वरूप का पूजन-आरती शासकीय पुजारी पं.घनश्याम पुजारी ने करवाया। इस अवसर पर प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, राज्यमंत्री कृष्णा गौर, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, निगम सभापति कलावती यादव, वरिष्ठ भाजपा नेता माखनसिंह चौहान, नगर जिलाध्यक्ष संजय अग्रवाल एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

इसके पश्चात भगवान को रजत पालकी में विराजीत किया गया और पालकी को मंदिर के मुख्य द्वार पर लाया गया। यहां सशस्त्र पुलिस बल ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद भगवान नगर भ्रमण पर निकले। पालकी के आगे पुलिस बैण्ड,सशस्त्र पुलिस बल,भजन मण्डलियां,विचित्र वेशभूषाधारी, गणमान्यजन आदि चल रहे थे।

पालकी महाकाल घाटी से कोट मौहल्ला चौराहा,गुदरी,बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होकर शिप्रा तट पहुंची। यहां शिप्रा तट के दोनों ओर रामघाट तथा दत्त अखाड़ा क्षेत्र में हजारो श्रद्धालु बाबा की एक झलक पाने के लिए जिसे जहां जगह मिली,जमे हुए थे। शिप्रा तट पर भगवान का अभिषेक-पूजन,आरती पश्चात पालकी मंदिर के लिए रवाना हुई। पालकी शिप्रा तट से रामानुजकोट,मोढ़ की धर्मशाला,कार्तिक चौक,खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर,ढाबा रोड़, टंकी चौक,छत्री चौक, गोपाल मंदिर,पटनी बाजार,गुदरी, महाकाल घाटी होकर मंदिर संध्या आरती से पूर्व पहुंची।

भगवान चंद्रमौलेश्वर रजत पालकी में, नंदी रथ पर उमा-महेश, गरूढ़ रथ पर शिव तांडव, डोल रथ पर होल्कर राज्य का मुखारविंद और हाथी पर मन-महेश विराजीत थे।

चार जनजातिय दलों ने दी प्रस्तुतियां

सोमवार को सवारी में चार जनजातीय एवं लोक नृत्य कलाकारों के दल ने प्रस्तुतियां दी। इनमें बैतूल का गोण्ड ठाट्या,खजुराहो का कछियाई,दमोह का बधाई और डिण्डोरी के गेडी नृत्य शामिल थे,जो सवारी मार्ग पर प्रस्तुतियां देते हुए चल रहे थे।

पर्यटन विकास निगम ने निकाली झांंकियां

सवारी में मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा राजाराम लोक ओरछा, सर्वसिद्धि माँ बगलामुखी माता मंदिर, माँ शारदा शक्तिपीठ मैहर एवं बिजासन धाम सलकनपुर की प्रतिकृति प्रदर्शित की। इनका निर्माण धार्मिक एवं न्यास एवं अध्यात्म विभाग,मध्यप्रदेश द्वारा किया गया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / ललित ज्‍वेल