प्रदेश में 15 अगस्त को पूरी तरह क्रियाशील होंगी 3000 से अधिक बाल वाटिकाएं
हम बच्चों को शिक्षा का मजबूत आधार देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहे हैं: संदीप सिंह लखनऊ, 11 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश 15 अगस्त को प्रारंभिक शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करने जा रहा है। इस दिन प्रदेश की 3000 से अधिक नव-संचालित
संदीप सिंह बेसिक शिक्षा मंत्री


हम बच्चों को शिक्षा का मजबूत आधार देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहे हैं: संदीप सिंह

लखनऊ, 11 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश 15 अगस्त को प्रारंभिक शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करने जा रहा है। इस दिन प्रदेश की 3000 से अधिक नव-संचालित बालवाटिकाएं एक साथ पूरी तरह क्रियाशील हो जाएंगी। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इन नव-संचालित बालवाटिकाओं में स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी और अभिभावक शामिल होकर बच्चों का उत्साहवर्धन करेंगे। कार्यक्रमों में बालवाटिका के महत्व, प्रारंभिक शिक्षा के लाभ और सरकार की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला जाएगा।

विद्यालय पेयरिंग नीति से मिलेगी नई पहचान

कम नामांकन वाले विद्यालयों को निकटवर्ती विद्यालयों के साथ जोड़कर संसाधनों का समेकन किया गया है। इसके बाद रंगाई-पुताई, सौंदर्यीकरण, बाल-अनुकूल कक्षाओं, प्रिंट-रिच वातावरण और शिक्षण सामग्री की व्यवस्था कर इन विद्यालयों में बालवाटिका संचालन शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि हमारी सरकार शिक्षा को सबसे उच्च प्राथमिकता दे रही है। बालवाटिका के माध्यम से हम बच्चों के सर्वांगीण विकास और पोषण पर विशेष ध्यान दे रहे हैं, ताकि वे भविष्य के सशक्त, आत्मविश्वासी और जिम्मेदार नागरिक बन सकें। 15 अगस्त को प्रदेश की 3000 से अधिक बालवाटिकाओं को पूरी तरह क्रियाशील कर, हम बच्चों को शिक्षा का मजबूत आधार देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहे हैं।

हर सुविधा, हर मुस्कान के लिए: कंचन वर्मा

इस सम्बन्ध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए गतिविधि-आधारित किट (वंडर बॉक्स), लर्निंग कॉर्नर, आउटडोर खेल सामग्री, बाल-हितैषी फर्नीचर एवं स्टेशनरी जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं। साथ ही ECCE शिक्षक, शिक्षामित्र एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, ताकि 3 से 6 वर्ष के बच्चों को 'स्कूल रेडी' बनाया जा सके और उनके पोषण पर पूरा ध्यान रखा जा सके।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन