नेता विरोधी दल का गोरखपुर में हुए विरोध का मुद्दा विधानसभा में उठा
-सपा के हंगामा के चलते सदन 15 मिनट के लिए स्थगित लखनऊ, 11 अगस्त (हि. स.)। उत्तर प्रदेश विधान सभा मानसून सत्र की कार्यवाही सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होते ही सपा ने नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के गोरखपुर दौरे के दौरान उनके अपमान का आरोप लग
नेता विरोधी दल का गोरखपुर में हुए विरोध का मुद्दा विधानसभा में उठा


-सपा के हंगामा के चलते सदन 15 मिनट के लिए स्थगित

लखनऊ, 11 अगस्त (हि. स.)। उत्तर प्रदेश विधान सभा मानसून सत्र की कार्यवाही सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होते ही सपा ने नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के गोरखपुर दौरे के दौरान उनके अपमान का आरोप लगाकर हंगामा शुरू किया। पूरे प्रकरण की जांच की मांग उठाई। इस पर मुख्यमंत्री योगी खुद बोले लेकिन नेता सदन के जवाब से असंतुष्ट होकर सपा के सदस्य वेल में पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया।

उत्तर प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र शुरू होने पर पूर्वाह्न 11 बजे प्रश्न काल शुरू होते ही समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ सदस्य संग्राम सिंह यादव ने व्यस्था का प्रश्न उठाया। उन्होंने कहा कि नेता विरोधी दल माता प्रसाद पांडेय से जुड़ा गंभीर मुद्दा है। माता प्रसाद पांडेय गोरखपुर गए थे। उन्हें रोका गया। उन्हें अपमानित किया गया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष खुद बताएं। इस पर माता प्रसाद पांडेय ने सदन को बताया कि गोरखपुर में कुछ लोगों की दुकान तोड़ी जा रही है। व्यापारी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास आये थे। इस पर उन्होंने मुझे वहां जाने को कहा। मैं गया तो वहां मेरा विरोध हुआ। हमला हो गया। गाड़ी तोड़ी गयी।

इस पर नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा और लोकतंत्र नदी के दो छोर हैं। इन लोग को कब से लोकतंत्र पर भरोसा हो गया। इनके मुंह से लोकतंत्र बोलना शोभा नहीं देता है। सम्भल में सुद्धीकरण हो रहा है तो इन लोगों को परेशानी हो रही है। सम्भल हो, बहराइच हो या गोरखपुर, सब जगह यह लोग ऐसा ही कर रहे हैं। आपके जाने से तीन दिन पहले मैं विरासत गलियारा गया था। एक एक व्यापारी से मिला था। उनकी समस्याओं को सुना था। उसके बाद राजनीति करने के लिए आप वहां गए थे। भाजपा कार्यकर्ता नहीं बल्कि गोरखपुर के व्यापारियों ने विरोध किया था। आपके गुंडा टैक्स से व्यापारी परेशान था। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह तो आप थे, इसलिए व्यापारियों ने थोड़ा कम विरोध किया। अन्यथा कोई और होता तो कुछ और ही होता। मुख्यमंत्री का जवाब आते ही सपा के सदस्य वेल में आ गए। सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे। सपा का विरोध जारी है।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का सम्मान है। सदन में विषय आने के बाद मुख्यमंत्री ने पूरी बात रख दी। इसके बाद सदन की कार्यवाही में अवरोध क्यों। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का कोई अपमान नहीं हुआ है। इसलिए जांच का कोई विषय ही नहीं बनता। इस हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए सदस्यों के प्रश्न लेना शुरू किए।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला