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पूर्वी चंपारण,11 अगस्त (हि.स.)। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के जीवन विज्ञान संकाय में सोमवार को पर्यावरणीय तनाव के प्रति अनुकूलन : जीन से खेत तक’ विषय पर एक आमंत्रित व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सीएसआईआर–आईएचबीटी, पालमपुर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राजीव कुमार मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए।
उन्होने अपने ज्ञानवर्धक व्याख्यान मे कहा, कि प्राकृतिक परिवेश में पौधों को अनेक प्रकार के जैविक (कीट, रोग) और अजैविक (सूखा, लवणीयता, अत्यधिक तापमान) तनावों का सामना करना पड़ता है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए पौधों में विकसित हुई अनुकूलन रणनीतियों का वैज्ञानिक अध्ययन न केवल हमारी बौद्धिक जिज्ञासा को संतुष्ट करता है, बल्कि खाद्य सुरक्षा और सतत कृषि के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारा प्रयास है कि प्रयोगशालाओं में विकसित शोध परिणाम सीधे किसानों तक पहुँचें और उनका जीवन स्तर सुधरे।
कार्यक्रम का शुभारंभ जीवन विज्ञान संकाय के डीन प्रो. प्रणवीर सिंह द्वारा मुख्य अतिथि का पुष्प एवं चंपा का पौधा भेंट कर स्वागत से हुआ। प्रो. सिंह ने कहा,जीवन विज्ञान में शोध तभी सार्थक है, जब उसका लाभ समाज को प्रत्यक्ष रूप से मिले। ऐसे व्याख्यान हमारे विद्यार्थियों को शोध के साथ-साथ उसके व्यावहारिक अनुप्रयोग की समझ भी प्रदान करते हैं।
जैव प्रौद्योगिकी विभागाध्यक्ष प्रो. आनंद प्रकाश ने डॉ. कुमार को सम्मानस्वरूप शॉल और स्मृति चिन्ह प्रदान करते हुए कहा,डॉ. कुमार जैसे वैज्ञानिक हमारे छात्रों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उनकी यात्रा और शोध दृष्टिकोण यह दर्शाता हैं कि किस प्रकार ज्ञान, मेहनत और जिज्ञासा से विज्ञान को समाजोपयोगी बनाया जा सकता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार