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मंदसौर, 11 अगस्त (हि.स.)। प. पू. साध्वीवर्या श्री अमितगुणा श्रीजी म.सा.एवं श्री श्रेयनंदिता श्रीजी म.सा. की पावन निश्रा में मध्य प्रदेश के महू-नीमच रोड़ स्थित श्री जैन महाविद्यालय परिसर में एक भावपूर्ण और आत्मीय आयोजन हुआ, जिसमें प्रसिद्ध कवि धु्रव तारा ने माता-पिता और भाई-बहन के भावनात्मक संबंधों पर अपनी मार्मिक कविताएँ सुनाकर उपस्थित युवाओं, समाजजनों के जनसमूह को गहराई से प्रभावित किया। धु्रव तारा द्वारा प्रस्तुत काव्यों को सुनकर अनेक श्रोताओं की आँखे नम हो गई। उन्होंने अपने कार्यक्रम के माध्यम से माता-पिता के अनगिनत उपकारों, उनके ऋणों को उतारने के लिए सभी को उनकी सेवा करने का संकल्प दिलवाया।
सोमवार को धु्रव तारा ने अपनी मार्मिक अभिव्यक्ति में कहा की जब हम माता-पिता को अनदेखा करते है तो परमात्मा भी हमें अनदेखा कर देते है। उन्होंने वृद्धाश्रम की और इशारा करते हुए कहा की जिन माता-पिता के कारण हमारा ये शरीर और प्राण है उन माता-पिता को अलग करना जैसे मंदिर के दरवाजे से भगवान को बाहर करने के समान है।
राखी की पवित्र त्यौहार पर भाई-बहन के प्रेम को दशार्ते हुए उन्होंने कहा कि भाई का प्रेम बहन के प्रति अटूट होता है जो आत्मा से आत्मा के बंधन से जुड़ा होता है भाई बहन के रिश्तो का कोई मोल नहीं होता है। रक्षाबंधन जैसा कोई सूत्र नहीं होता, खुश नसीब होते है वे जिनके नसीब मे बहन का प्यार होता है। धु्रव तारा ने एक के बार एक हृदयस्पर्शी कविताओं के माध्यम से सभी के दिलों को छू लिया। अपनी कविताओं के माध्यम से उन्होनें खूब दाद बटोरी।
कार्यक्रम के दौरान भाव विभोर करने वाला माता-पिता के पादपक्षालन का आयोजन हुआ सभी ने अपने माता-पिता की चरण वंदना कर आशीर्वाद प्राप्त किया । कार्यक्रम में सभी भाइयों ने कार्यक्रम स्थल पर बहनों की अगवानी ढ़ोल धमाके एवं मोतियों की माला पहनाकर की तथा आदर सत्कार के साथ उनको उचित स्थान पर विराजमान किया। सभी पधारी हुई बहनो का कुमकुम तिलक लगा कर बहुमान किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / अशोक झलोया