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नई दिल्ली, 11 अगस्त (हि.स.)। सहकारी चुनाव प्राधिकरण (सीईए) ने सोमवार को यहां राज्य सहकारी चुनाव प्राधिकरणों के साथ अपनी पहली परामर्शदात्री बैठक की। बैठक का उद्देश्य राज्यों के सहकारी चुनाव अधिकारियों के साथ एक संवाद तंत्र विकसित करना था ताकि देशभर में सहकारी निकायों के चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो सकें।
बैठक की अध्यक्षता सहकारी चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार सिंह ने की। इसमें ओडिशा, बिहार, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्यों के चुनाव आयुक्तों सहित सहकारिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव आनंद कुमार झा, सीईए के उपाध्यक्ष आरके गुप्ता और सहकारिता लोकपाल आलोक अग्रवाल ने भाग लिया। सिंह ने बताया कि मोदी सरकार ने सहकारी क्षेत्र में व्यापक सुधार किए गए हैं। मार्च 2024 से अब तक सीईए द्वारा 159 चुनाव सफलतापूर्वक कराए जा चुके हैं और आने वाले समय में 69 अन्य चुनावों की प्रक्रिया जारी है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है और इस अवसर पर चुनावी प्रक्रियाओं को और अधिक सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाने की आवश्यकता है। बैठक में उम्मीदवारों के लिए आचार संहिता, चुनाव खर्च की अधिकतम सीमा, निर्वाचन अधिकारियों के लिए पुस्तिका, राष्ट्रीय सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों के चुनाव तथा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के उपयोग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।
देवेंद्र कुमार सिंह ने सहकारी चुनावों में अमिट स्याही के प्रयोग, चुनाव चिन्ह निर्धारण तथा सदस्यों की शेयर पूंजी जैसे विषयों पर भी विचार रखे और राज्यों से सुझाव आमंत्रित किए। सीईए ने निर्णय लिया कि हर तीन महीने में एक परामर्शदात्री बैठक आयोजित की जाएगी ताकि सहकारी चुनाव सुधारों की प्रक्रिया को निरंतर आगे बढ़ाया जा सके।
बैठक में भाग लेने वाले प्रमुख राज्य प्रतिनिधियों में ओडिशा से श्रीकांत प्रुस्ती, बिहार से गिरीश शंकर व कुमार शांत रक्षित, तमिलनाडु से तिरु दयानंद कटारिया, महाराष्ट्र से अनिल महादेव कवाडे व अशोक गाडे, तथा तेलंगाना से जी श्रीनिवास राव शामिल रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार