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त्बिलिसी, 11 अगस्त (हि.स.)। अजरबैजान और आर्मेनिया ने सोमवार को अमेरिका की मध्यस्थता में हुए शांति समझौते का पाठ (टेक्स्ट) जारी किया, जिसमें एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने और लगभग चार दशकों से चले आ रहे संघर्ष को औपचारिक रूप से समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताई गई है।
यह समझौता पिछले शुक्रवार को वाशिंगटन में हुआ, जब अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव और आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनियन ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी।
दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों द्वारा जारी दस्तावेज में कहा गया है कि येरेवन और बाकू एक-दूसरे के क्षेत्र पर सभी दावे छोड़ देंगे, बल प्रयोग से बचेंगे और अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करेंगे।
पशिनियन ने फेसबुक पर लिखा, “यह समझौता विश्वसनीय और स्थायी शांति स्थापित करने की ठोस नींव है, जो दोनों देशों के संतुलित हितों को दर्शाता है।”
दक्षिण काकेशस क्षेत्र के पड़ोसी आर्मेनिया और अजरबैजान 1980 के दशक के अंत से नागोर्नो-काराबाख को लेकर संघर्ष में हैं। यह पहाड़ी क्षेत्र अजरबैजान की सीमा के भीतर है। बाकू ने 2023 में इस पर पूरा नियंत्रण हासिल कर लिया था, जिसके बाद लगभग एक लाख जातीय आर्मेनियाई लोग आर्मेनिया चले गए थे। तब से दोनों पक्ष शांति की इच्छा जताते रहे, लेकिन वार्ताएं इस महीने तक ठप रहीं।
पिछले शुक्रवार को व्हाइट हाउस में हुई बैठक के दौरान अमेरिका को दक्षिण काकेशस से होकर गुजरने वाले एक रणनीतिक पारगमन गलियारे के विशेष विकास अधिकार मिले। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि इससे द्विपक्षीय आर्थिक संबंध मजबूत होंगे और ऊर्जा निर्यात में बढ़ोतरी होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय